सैम कुर्रन, क्रिस वोक्स और स्टोक्स के सामने कहीं नहीं ठहरते भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या
ऑलराउंडर के तौर पर इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के दौरान हार्दिक पांड्या खुद को साबित नहीं कर पाए हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, साउथैंप्टन। जब हार्दिक पांड्या टीम में शामिल हुए तो सबने कहा कि भारत को कपिल देव के बाद एक ऐसा ऑलराउंडर मिल गया है जो तेज गेंदबाजी के साथ अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेता है। उन्होंने वनडे और टी-20 में इसे साबित भी किया, लेकिन एशिया में टेस्ट से बाहर वह इस मामले में पीछे छूटते नजर आ रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही सीरीज के दौरान जब वेस्टइंडीज के दिग्गज माइकल होल्डिंग ने पांड्या के टेस्ट ऑलराउंडर होने पर सवाल उठाए तो भारतीय प्रशंसकों को काफी बुरा लगा। पांड्या ने भी नॉटिंघम टेस्ट में गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कहा कि कोई भी कुछ बोले मैं उस पर ध्यान नहीं देता, बल्कि सिर्फ प्रदर्शन पर विश्वास रखता हूं, लेकिन साउथैंप्टन टेस्ट के बाद एक बार फिर उनकी पोल खुल गई। इसमें कोई शक नहीं कि पांड्या भारत में उपलब्ध तेज गेंदबाजी ऑलराउंडरों में सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन जब सैम कुर्रन, क्रिस वोक्स और बेन स्टोक्स को देखें तो वह कमतर नजर आते हैं।
चौथे टेस्ट में जब भारत को गेंद और बल्ले से उनके प्रदर्शन की जरूरत थी तो वह दोनों ही मोर्चे पर फेल हो गए। वहीं, इंग्लैंड की तरफ से पूरी तरह फिट नहीं होने के बावजूद बेन स्टोक्स और 20 वर्षीय सैम कुर्रन ने दिखाया कि असली ऑलराउंडर कैसे होते हैं और समय पर किस तरह प्रदर्शन करते हैं। इससे पहले क्रिस वोक्स भी लॉर्ड्स में बता चुके हैं कि टीम को कैसे ऑलराउंडरों की जरूरत होती है। स्टोक्स ने सिर्फ घर में ही रन नहीं बनाए हैं, बल्कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में जाकर रन बनाने के साथ विकेट लिए हैं। स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के बाद स्टोक्स इंग्लैंड के तीसरे अच्छे गेंदबाज हैं। वह रिवर्स स्विंग में माहिर हैं। वहीं, पांड्या को भारत के पांचवें गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
इंग्लैंड के ऑलराउंडरों से सीखो : अगर इस सीरीज की बात करें तो इंग्लैंड के शीर्ष क्रम की खराब बल्लेबाजी और स्लिप पर खराब क्षेत्ररक्षण के बावजूद उसे जीत दिलाने का श्रेय उसके ऑलराउंडरों को जाता है। जहां बर्मिघम में पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच सैम कुर्रन ने शानदार प्रदर्शन किया तो लॉर्ड्स में मैन ऑफ द मैच दूसरे ऑलराउंडर क्रिस वोक्स रहे। अनफिट होने के कारण वह चौथे मैच से बाहर थे तो एक और ऑलराउंडर मोइन अली ने शानदार प्रदर्शन किया और भारत को हार का स्वाद चखाया। इस सीरीज में इंग्लैंड की तीसरी जीत में मैन ऑफ द मैच मोइन अली रहे। चौथे टेस्ट में इंग्लैंड पहली पारी में एक समय 86/6 पर था, लेकिन सैम कुर्रन (78) और मोइन अली (40) जैसे ऑलराउंडरों ने उसे 246 रनों तक पहुंचाया। ऐसा ही बर्मिघम में हुआ था। इंग्लैंड 87/7 पर था और दूसरी पारी में भारत पर करीब 100 रन की बढ़त बनाई थी तब कुर्रन ने तेजी से खेलते हुए 63 रनों की पारी खेली और मेजबान टीम 31 रनों से जीत गई। लॉर्ड्स में उनके दूसरे ऑलराउंडर वोक्स ने सातवें नंबर पर आकर शतक ठोका।
ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने बर्मिघम में मैच अपने हक में मोड़ने वाला स्पैल किया तो साउथैंप्टन की दूसरी पारी में बेहतरीन गेंदबाजी की। मोइन अली ने साउथैंप्टन में पहली पारी में 40 रन बनाने के बाद मैच में नौ विकेट लिए। इस सीरीज में जब-जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड पर दबाव बनाया तब-तब उसके ऑलराउंडर डटकर खड़े हुए और अपनी टीम को बचाया ही नहीं, बल्कि उसे जीत दिलाई। जब रविचंद्रन अश्विन भारतीय पिच जैसी कंडीशन में विकेट लेने के लिए परेशान हो रहे थे तो मोइन ने नौ विकेट ही नहीं निकाले, बल्कि भारतीय बल्लेबाजों को परेशान भी किया।