क्यों BCCI के खिलाफ बगावत पर उतर आए क्रिकेट संघ?
भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा वनडे 24 अक्टूबर को इंदौर में होना है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के मुफ्त पास के बंटवारे को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के खिलाफ राज्य संघों में बगावत के हालात बन गए हैं। कैरेबियाई टीम के खिलाफ इंदौर में 24 अक्टूबर को होने वाले दूसरे वनडे मैच की मेजबानी से मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) ने इन्कार कर दिया है। बोर्ड के दबाव से परेशान अन्य राज्य संघ भी बगावत कर सकते हैं। इस बीच बीसीसीआइ के पदाधिकारी एमपीसीए को मनाने की कोशिश में हैं, ताकि मामला ज्यादा तूल ना पकड़े।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा वनडे 24 अक्टूबर को इंदौर में होना है। मगर बीसीसीआइ के मुफ्त पास को लेकर दबाव से परेशान होकर एमपीसीए ने कड़ा कदम उठाते हुए मेजबानी से इन्कार कर दिया है। शनिवार रात को एमपीसीए की मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों ने बहुमत से मैच की मेजबानी नहीं करने का फैसला किया और इसकी सूचना बीसीसीआइ को दी।
मालूम हो कि बीसीसीआइ ने करीब 1250 पास मांगे थे, जिसे देने में एमपीसीए को व्यवहारिक दिक्कतें आ रही थीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 10 प्रतिशत पास ही दिए जा सकते हैं।
बीसीसीआइ को पवेलियन के पास चाहिए थे और मुख्य पवेलियन की क्षमता 7200 है। ऐसे में पवेलियन के 720 से ज्यादा मुफ्त पास नहीं दिए जा सकते। एमपीसीए ने इस मामले में बोर्ड को अपना रख स्पष्ट करने के लिए कई बार रिमाइंडर भेजा था।
बीसीसीआइ द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं आने पर मैच की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं होने का हवाला देकर एमपीसीए ने अब मैच की मेजबानी से इन्कार कर दिया। एमपीसीए के इन्कार के बाद बीसीसीआइ ने पांच-पांच प्रतिशत पास के बंटवारे का फॉमरूला दिया, लेकिन इस पर भी सुलह होती नजर नहीं आ रही।
एमपीसीए अपने सदस्यों को चार-चार मुफ्त पास देता है। बीते दिनों संविधान संशोधन के लिए हुई बैठक के दौरान जब सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मुफ्त पास की संख्या कम होने की जानकारी दी गई थी तो जमकर हंगामा हुआ था। कुछ सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए सचिव मिलिंद कनमडीकर से विवाद भी किया था। इसी तरह की व्यवहारिक समस्या अन्य राज्य संघों के सामने भी है।
जानकार बताते हैं कि राज्य संघों की नाराजगी सीईओ राहुल जौहरी और सीओए से है, जिनके रवैये से सभी असहज स्थिति का सामना कर रहे हैं। अब तक कोई भी खुलकर सामने नहीं आ रहा था, लेकिन एमपीसीए के कदम से सभी को हौसला मिला है।
एमपीसीए के कदम की कई संघों के पदाधिकारियों ने तारीफ की है। इस बीच बीसीसीआइ के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि हमें एमपीसीए का पत्र मिला है। हम उनसे चर्चा कर मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे। यदि मामला नहीं सुलझा तो जल्द अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।
राजनीति भी शुरू
मेजबानी से इन्कार के फैसले के बाद क्रिकेट की राजनीति भी शुरू हो गई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में किसी पदाधिकारी के हवाले से दावा किया गया कि कनमडीकर ब्लेकमैल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि भारत के विंडीज दौरे पर कनमडीकर को प्रबंधक बनाया गया था, लेकिन बाद में हटा दिया गया था जिससे वह नाराज हैं।
जवाब में एमपीसीए का कहना है कि उस घटना के बाद से इंदौर में भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे, जबकि भारत-श्रीलंका टी-20 मैच की सफल मेजबानी हो चुकी है। साथ ही आइपीएल के चार मैच भी हो चुके हैं।