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Ind vs Aus: पुरुषों के टेस्ट में पहली बार महिला को मिली अंपायरिंग, क्लेयर ने रचा इतिहास

Claire Polosak will become the first female official टेस्ट क्रिकेट में पहली बार पुरुषों के मुकाबले में किसी महिला को अंपायरिंग करने का मौका दिया गया। क्लेयर पोलोसाक दुनिया की पहली महिला अंपायर बन गई हैं जिन्होंने पुरुषों के मुकाबले में अंपायरिंग का जिम्मा संभाला।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 07:45 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:45 AM (IST)
Ind vs Aus: पुरुषों के टेस्ट में पहली बार महिला को मिली अंपायरिंग, क्लेयर ने रचा इतिहास
पुरुषों के टेस्ट मैच में अंपायर बनने वाली क्लेयर पोलोसाक बनी पहली महिला

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे सीरीज के तीसरे मुकाबल में कुछ ऐसा हुआ तो इससे पहले कभी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में नहीं हुआ था। टेस्ट क्रिकेट में पहली बार पुरुषों के मुकाबले में किसी महिला को अंपायरिंग करने का मौका दिया गया। क्लेयर पोलोसाक दुनिया की पहली महिला अंपायर बन गई हैं जिन्होंने पुरुषों के मुकाबले में अंपायरिंग का जिम्मा संभाला।

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टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार किसी महिला को पुरुषों के मैच में बतौर अंपायर मैच का हिस्सा बनने का मौका मिला। इससे पहले पुरुषों के टेस्ट मैच में कभी भी किसी महिला को अंपायरिंग करते हुए नहीं देखा गया था। क्लेयर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे सिडनी टेस्ट के दौरान चौथे अंपायर की भूमिका दी गई है। मैच के दौरान वह मैदान पर नहीं होंगी लेकिन बतौर अंपायर मैच का हिस्सा जरूर हैं।

साल 2019 में क्लेयर पोलोसाक ने इससे पहले नामीबिया और ओमान के बीच खेले गए वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन टू मैच के दौरान अंपायरिंग की थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे इस टेस्ट मैच में पॉल रिफेल और पॉल विल्सन फील्ड अंपायर की भूमिका निभा रहे हैं।

जानिए, मैच के दौरान क्या होता है चौथे अंपायर का काम

किसी भी इंटरनेशनल मैच के दौरान चौथे अंपायर का काम नई गेंद को मैदान पर ले जाने का होता है। वह फील्ड अंपायरों के लिए ड्रिंग या दूसरी मदद के सामन को पहुंचाने का भी काम करता है। टेस्ट मैच के दौरान जब लंच ब्रेक होता है या फिर टीम चायकाल के लिए जाती है तो ब्रेक के दौरान पिच की देखरेख करना चौथे अंपायर का ही काम होता है।

इतना ही नहीं अगर किसी कारण फील्ड पर अंपायरिंग कर रहे दो अंपायरों में से किसी एक को मैच के बाहर होना पड़ा तो तीसरा अंपायर फील्ड अंपायर की भूमिका में आ जाता है। ऐसे में तीसरे अंपायर का काम चौथे अंपायर को करना होता है। मतलब मैच के दौरान फील्ड अंपायर द्वारा रिव्यू के लिए फैसला तीसरे अंपायर को ही लेना होता है।


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