Ind vs Aus: सिडनी में बदला-बदला सा दिखा कोहली का बल्ला, जानिए ऐसा क्या रहा खास
Ind vs Aus: सिडनी टेस्ट मैच में विराट कोहली मयंक अग्रवाल (77) के आउट होने के बाद मैदान पर आए। जैसे ही कोहली मैदान पर आए तो उनके बल्ला बदला-बदला सा दिखा।
सिडनी, जेएनएन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे सिडनी टेस्ट मैच में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का बल्ला एक नए रुप में दिखा। इस टेस्ट मैच में विराट कोहली मयंक अग्रवाल (77) के आउट होने के बाद मैदान पर आए। जैसे ही कोहली मैदान पर आए तो उनके बल्ले की ग्रिप का रंग बदला हुआ था।
गुलाबी टेस्ट में गुलाबी रंग में रंगा कोहली का बल्ला
सिडनी टेस्ट में बल्लेबाज़ी के लिए आए कोहली के बल्ले पर गुलाबी रंग की ग्रिप चढ़ी हुई थी। कोहली के ऐसा करने के पीछे एक खास वजह भी रही। सिडनी में साल की शुरुआत में खेले जाने वाले टेस्ट मैच को पिंक टेस्ट यानि की गुलाबी टेस्ट कहा जाता है। इसी वजह से कोहली ने अपने बैट पर गुलाबी रंग की ग्रिप चढ़ाई।
One for the occasion - Going all Pink Mr. Kohli #TeamIndia #AUSvsIND pic.twitter.com/dfVnQ65XYw — BCCI (@BCCI) January 3, 2019
सिडनी टेस्ट को क्यों कहा जाता है PINK TEST?
पिछले कुछ सालों में नए साल के दौरान सि़डनी में खेले जाने वाले टेस्ट मैच का खास महत्व रहा है। कुछ लोग इसे पिंक टेस्ट भी कहने लगे हैं। सिडनी में पिंक टेस्ट पहली बार 2009 में खेला गया था। पहली बार ये टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और द. अफ्रीका के बीच खेला गया था। इसके बाद से ही ये प्रथा लगातार चलती आ रही है। अभी तक 10 पिंक टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं और इस बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा सिडनी टेस्ट 11वां पिंक टेस्ट मैच है।
प्रत्येक वर्ष जनवरी में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड गुलाबी समंदर सा दिखाई देता है। ऐसा एक नेक काम के लिए किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और न्यू साउथ वेल्स के ग्लेन मैक्ग्रा की जेन मैक्ग्रा की मौत स्तन कैंसर की वजह से हुई थी। इस टेस्ट मैच से जुटाई गई राशि को ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन को दिया जाता है।
ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन एक संस्था है जो ऑस्ट्रेलिया में स्तन कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ शिक्षा के लिए भी काम करती है। ये संस्था देशभर ब्रेस्ट केयर नर्सो को रखने के लिए पैसा जुटाती है और लोगों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता भी बढ़ाती है। अभी तक कि रिपोर्ट के अनुसार, यह बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया भर में लगभग 120 ब्रेस्ट केयर नर्स शुरू किए गए हैं और 67000 से अधिक परिवारों ने इस बीमारी का अनुभव किया है।
ग्लेन मैकग्रा फाउंडेशन की शुरुआत 2005 में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर और उनकी पत्नी जेन ने स्तन कैंसर से उबरने के बाद की थी। तीन साल बाद, जेन का निधन हो गया और अगले वर्ष से पिंक टेस्ट एक वास्तविकता बन गया।
सिडनी टेस्ट की तीसरा दिन होता है खास
PINK TEST मैच के तीसरे दिन को 'जेन मैक्ग्रा डे' के नाम से जाना जाता है। इस दिन फैंस अपना इस मुहिम के प्रति अपना समर्थन दिखान के लिए गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो खिलाड़ी भी अपने बैट पर गुलाबी ग्रिप या फिर गुलाबी स्टिकर लगाकर अपना समर्थन प्रदर्शित करते हैं।
India skipper Virat Kohli showing his support for the #PinkTest @McGrathFdn #AUSvIND pic.twitter.com/DlA6N9EZHX— cricket.com.au (@cricketcomau) January 3, 2019