IND vs AUS: पर्थ के बाद कैसी होगी मेलबर्न की पिच, ये रहा है पिछला रिकॉर्ड
पिछले साल एशेज के दौरान यहां हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट के बाद आइसीसी के मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमसीजी की पिच में उछाल मध्यम था
अभिषेक त्रिपाठी, मेलबर्न। पर्थ की 'ड्रॉप इन' पिच पर पांच दिन तक चली उछलकूद ने चार मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबरी पर ला दिया है और अब सबकी निगाहें 26 तारीख से मेलबर्न में होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट पर हैं। भारत ने एडिलेड में पहला टेस्ट 31 रनों से तो ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ के नए ऑप्टस स्टेडियम में दूसरा टेस्ट 146 रनों से जीता। अब सीरीज का फैसला आखिरी दो मैचों के परिणाम तय करेंगे, लेकिन पिछले साल बॉक्सिंग डे टेस्ट में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) की पिच ने जिस तरह का व्यवहार किया था उससे सभी के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं।
आइसीसी पिछले कुछ वर्षो से टेस्ट क्रिकेट का क्रेज बरकरार रखने के लिए परिणाम देने वाली पिचों को महत्व दे रहा है, लेकिन पिछले साल एशेज सीरीज के दौरान एमसीजी में हुआ बॉक्सिंग डे टेस्ट बेहद बोरिंग रहा था। पांच दिन तक चले मैच को ड्रॉ घोषित करना पड़ा था जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने इस पिच को 'खराब' करार दिया था।
हर साल की तरह ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस के ठीक अगले दिन शुरू होने वाले इस मुकाबले में अब सबकी टेंशन एमसीजी की पिच को लेकर ही है। एमसीजी के नए पिच क्यूरेटर मैट पेज ने पिछले सत्र में एशेज सीरीज के मुकाबले के बाद यहां पर कार्यभार संभाला था और इस सत्र में उनकी देखभाल में तैयार हुई पिच पर पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस साल यहां पर हुए तीन में दो शेफील्ड शील्ड मुकाबले ड्रॉ हुए और विक्टोरिया-न्यू साउथ वेल्स के बीच हुए मुकाबले का परिणाम निकला।
आइसीसी ने यह कहा था
पिछले साल एशेज के दौरान यहां हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट के बाद आइसीसी के मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमसीजी की पिच में उछाल मध्यम था लेकिन पिच काफी धीमी थी और मैच बीतने के साथ-साथ यह और धीमी होती गई। पांच दिनों में पिच में कोई बदलाव नहीं हुआ और यहां पर बल्ले व गेंद में कोई प्रतियोगिता नजर नहीं आई।
ना यह बल्लेबाजों को पसंद आई और ना ही गेंदबाजों को विकेट मिले। रंजन की रिपोर्ट के इतर अगर देखें तो पिछले साल गर्मियों में यहां खेले गए किसी भी प्रथम श्रेणी मुकाबले का फैसला नहीं आया था लेकिन इस साल यहां हुए गर्मी के पहले प्रथम श्रेणी मुकाबले में घरेलू टीम विक्टोरिया ने न्यू साउथ वेल्स को 107 रनों से पराजित किया था जिससे पिच को लेकर कुछ राहत मिली, लेकिन अगले दोनों मुकाबले फिर बोरिंग ड्रॉ रहे।
विक्टोरिया ने इसके बाद साउथर्न और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से ड्रॉ खेला। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल ने कहा कि यहां ड्रॉ हुए हुए पिछले दो मुकाबलों के दौरान पिच में कोई बदलाव नहीं आया। पिछले साल बॉक्सिंग डे मैच के बाद से एमसीजी फिर से निशाने पर है। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज एश्टन टर्नर ने यहां 145 गेंदों पर नाबाद 63 रन बनाए थे और उन्होंने कहा था कि यहां पर होने वाले टेस्ट मैच में परिणाम निकलना बहुत मुश्किल है।
मैक्सवेल ने कहा कि मुझे लगता है कि यह चिंता का विषय है, विशेषकर जिस तरह शेफील्ड शील्ड सीरीज के मैच में विकेट ने व्यवहार किया। वह बिलकुल फ्लैट रहा और उसमें पूरे मैच के दौरान कोई बदलाव नहीं हुआ। आपको देखना चाहिए कि उस मैच में टर्नर और स्टोइनिस ने इतने शानदार गेंदबाजी अटैक के खिलाफ कितने आराम से बल्लेबाजी की। विक्टोरिया के उस गेंदबाजी अटैक ने पिछले पांच साल में शानदार प्रदर्शन किया है। यह डराने वाला है।
घास का सहारा
क्यूरेटर पेज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले टेस्ट मैच में 14 मिमी की घास छोड़ सकते हैं जो शील्ड मैचों के मुकाबले में चार मिमी ज्यादा होगी। इससे गेंदबाजों को कुछ मदद मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। पिछले साल यहां बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच नहीं खेलने वाले मिशेल स्टार्क ने कहा कि मैं पिछले साल एशेज सीरीज में नहीं खेला था।
मैं उम्मीद करता हूं कि यहां के लोगों ने पुरानी समस्या को हल कर लिया होगा। मैंने सुना है कि उन्होंने शील्ड मैच के दौरान कुछ कोशिश की है। वह हमें अगले सप्ताह जो परोसेंगे वह सबको आश्चर्यचकित भी कर सकता है। हम इस सप्ताह समीक्षा करेंगे और जो पर्थ में किया है उसका आनंद लेंगे। इसके बाद मेलबर्न पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
क्यों खास है एमसीजी
यहां पर भी पर्थ की तरह ही 'ड्रॉप इन' पिच का इस्तेमाल होता है। 1990 के आखिर में यहां स्थापित हुए 'ड्रॉप इन पिच सिस्टम' को इस सत्र के आखिर में यानी मार्च में हटाने की योजना है। अब इसे नए तरीके से स्थापित किया जाएगा जिससे बोरिंग पिच का टैग हटाया जा सके। इसके बाद यहां पर एडिलेड और पर्थ की तरह नई ड्रॉप इन पिच बिछाई जाएंगी।
पिछले साल इस मैदान पर आइसीसी के प्रतिबंध तक की नौबत आ गई थी लेकिन क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने कुछ डीमेरिट अंक देखकर इस मैदान को बख्श दिया था। 1877 में पहला टेस्ट मैच आयोजित करने वाला यह मैदान पिछले 20 साल से बॉक्सिंग डे टेस्ट आयोजित कर रहा है। 2013-14 में एशेज टेस्ट के दौरान एक दिन यहां पर रिकॉर्ड 91112 दर्शक आए थे। यह दुनिया की सबसे ज्यादा दर्शक क्षमता वाला क्रिकेट स्टेडियम है।