IND vs AUS: इन 3 बल्लेबाजों के अलावा सभी बल्लेबाज फ्लॉप, ऐसे कैसे जीतेंगे सीरीज?
भारत की तरफ से इस सीरीज में दो शतक और तीन अर्धशतक लगे हैं जो विराट, रहाणे व पुजारा ने लगाए हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, मेलबर्न। आधुनिक क्रिकेट में कोई भी टीम सिर्फ तीन बल्लेबाजों के भरोसे टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकती है और यह बात टीम इंडिया पर भी लागू होती है। भारतीय टीम को हमेशा से बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उसकी यह मजबूती कमजोरी में बदल गई है। हालत यह है कि ऑस्ट्रेलिया में चल रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही रन बना पाए हैं।
यही नहीं, पर्थ में हारकर टीम इंडिया ने अपना सिर खुद ही ओखली में डाल दिया है। एक हार ने टीम के अंदर और बाहर सारे समीकरण बदल दिए हैं। 71 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने की दावेदार नजर आ रही विराट की टीम पर्थ में हारने के बाद अपने पथ से डगमगा गई और इसका सबसे बड़ा कारण उसके बल्लेबाज हैं। भारत को अब सीरीज का तीसरा टेस्ट 26 तारीख को मेलबर्न क्रिकेट मैदान में खेलना है।
विराट, रहाणे और पुजारा क्या करेंगे
भारत की तरफ से इस सीरीज में दो शतक और तीन अर्धशतक लगे हैं जो विराट, रहाणे व पुजारा ने लगाए हैं। चेतेश्वर पुजारा ने एडिलेड में पहले टेस्ट में 123 रनों की तो विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में इतने ही रनों की पारी खेली थी। पुजारा ने एक अर्धशतक भी लगाया, जबकि रहाणे ने दोनों मैचों में एक-एक पचासा ठोका। इसके अलावा टीम का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में असफल रहा है। दो मैचों में अगर रन बनाने वालों की लिस्ट देखें तो दोनों टीमों की तरफ से शीर्ष-10 में भारत के ये तीनों बल्लेबाज सबसे ऊपर हैं।
चौथे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड का नंबर आता है, जिन्होंने दो मैचों की चार पारियों में 163 रन बनाए हैं। ओवरऑल शीर्ष-10 में विराट, रहाणे और पुजारा के अलावा भारत के विकेटकीपर रिषभ पंत ही हैं जिन्होंने 119 रन बनाए हैं, लेकिन वह दोनों मैचों में टिककर नहीं खेल सके। उनका टी-20 स्टाइल टीम इंडिया के लिए घातक बनता जा रहा है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने समय-समय पर अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके पांच बल्लेबाजों ने दो टेस्ट में छह शतक लगाए हैं।
पुजारा और पटेल को ओपनिंग में उतारने का विकल्प खुला
केएल राहुल और मुरली विजय की ओपनिंग जोड़ी टीम इंडिया की सबसे बड़ी समस्या है। यही कारण है कि टीम इंडिया चेतेश्वर पुजारा और पार्थिव पटेल में से किसी एक को ओपनर के तौर पर उतारने पर भी विचार कर रही है। बीसीसीआइ ने ओपनर मयंक अग्रवाल और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को टीम में शामिल किया है जो शुक्रवार को टीम इंडिया से जुड़ सकते हैं। हालांकि 26 तारीख से शुरू होने वाले टेस्ट के अंतिम एकादश में मयंक को खिलाने की संभावना कम है।
भारतीय टीम प्रबंधन तीसरे नंबर पर उतरने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज पार्थिव पटेल से भी ओपनिंग कराने पर सोच रही है। टीम प्रबंधन का मानना है कि अगर पुजारा से ओपनिंग कराते हैं तो राहुल या मुरली विजय में से किसी एक को बैठाया जा सकता है। ऐसे में एक स्थान खाली हो जाएगा, जिसमें हार्दिक पांड्या को शामिल किया जा सकता है। अगर पार्थिव से ओपनिंग कराते हैं तो विकेटकीपर रिषभ पंत को बाहर बैठाकर पांड्या को खिलाया जा सकता है।
इसके अलावा तेज गेंदबाज उमेश यादव की जगह फिट होने पर रविचंद्रन अश्विन या रवींद्र जडेजा में से किसी को शामिल किया जा सकता है। ऐसे में टीम इंडिया में हनुमा विहारी व पांड्या के तौर पर दो ऑलराउंडर, एक स्पिनर और तीन तेज गेंदबाज खेल सकेंगे। यही नहीं, टीम की बल्लेबाजी भी मजबूत होगी। पुजारा ने पहले टेस्ट में अच्छी फॉर्म दिखाई थी और ओपनरों के लगातार फेल होने के कारण उन्हें वैसे भी नई गेंद से ही खेलना पड़ रहा है।
वहीं, पार्थिव ने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के चोटिल होने पर सेंचुरियन और जोहानिसबर्ग टेस्ट खेला था। वहां पर भी ओपनरों के फेल होने पर विराट ने पार्थिव को जोहानिसबर्ग की बेहद खराब पिच पर दूसरी पारी में ओपनिंग में उतारा था। केएल राहुल उस पारी में तीसरे नंबर पर उतरे थे। अगर पर्थ में हुए दूसरे टेस्ट की बात करें तो दोनों ओपनरों राहुल-विजय और निचले क्रम के चार बल्लेबाजों उमेश यादव, मुहम्मद शमी, इशांत शर्मा व जसप्रीत बुमराह ने दोनों पारियों में मिलाकर 33 रन बनाए थे। दोनों ओपनरों ने दो मैचों की चार पारियों में अब तक कुल 97 रन बनाए हैं।
भारत का निचला क्रम भी ध्वस्त
पिछले दो टेस्ट मैचों में नीचे के चार नंबरों पर पांच लोगों ने बल्लेबाजी की है। शमी, इशांत और बुमराह ने जहां दोनों मैच खेले तो वहीं अश्विन और उमेश यादव ने एक-एक मैच खेला। इसमें अश्विन को छोड़कर बाकी के चार खिलाड़ी कोई रन नहीं बना सके।
अगर इन पांच बल्लेबाजों के दो मैचों की चार पारियों में कुल रन जोड़ दें तो आंकड़ा 49 रन बैठता है। ऊपर के दो बल्लेबाज रन नहीं बना रहे हैं, नीचे के चार बल्लेबाज रन नहीं बना रहे हैं। रोहित व हनुमा के बल्ले से भी रन नहीं निकले हैं।