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ICC की बैठक में अंपायर्स कॉल पर अहम फैसला, DRS नियम में किया बदलाव

ICC Cricket Committee meet बोर्ड ने पिछले दिनों विवाद में रहे ‘अंपायर्स कॉल’ को लेकर सबसे अहम फैसला लिया। बैठक में इस बात पर सहमति बनी की अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली यानी डीआरएस मैच का हिस्सा बनी रहेगी।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 06:56 AM (IST)
ICC की बैठक में अंपायर्स कॉल पर अहम फैसला, DRS नियम में किया बदलाव
अंपायर्स कॉल जारी रहेगी, डीआरएस नियम में बदलाव

नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने गुरुवार को हुई बैठक में कई अहम चीजों पर फैसला लिया। बोर्ड ने पिछले दिनों विवाद में रहे ‘अंपायर्स कॉल’ को लेकर सबसे अहम फैसला लिया। बैठक में इस बात पर सहमति बनी की अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली यानी डीआरएस मैच का हिस्सा बनी रहेगी। हालांकि इस मौजूदा बैठक में डीआरएस नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं लेकिन अंपायर्स कॉल बरकरार रखने का फैसला लिया है।

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भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेली गई वनडे सीरीज के दौरान अंपायर्स कॉल चर्चा का विषय रहा था। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने अंपायर कॉल को ‘भ्रमित’ करने वाला बताया था इसके बाद इस पर क्रिकेट दिग्गजों ने भी अपनी अपनी राय दी थी। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर, वीवीएस लक्ष्मण, आकाश चोपड़ा, इरफान पठान ने इसको लेकर चर्चा की थी।

मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर अंपायर के नॉटआउट के फैसले को चुनौती दी जाती है तो उसे बदलने के लिए गेंद का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा कम से कम एक स्टंप से टकराना चाहिए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में बल्लेबाज नॉटआउट ही रहता है।

संचालन संस्था द्वारा बुधवार को बोर्ड बैठक खत्म होने के बाद जारी बयान में आइसीसी की क्रिकेट समिति के प्रमुख और पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने कहा, 'अंपायर्स कॉल को लेकर क्रिकेट समिति में शानदार चर्चा हुई और इसके इस्तेमाल का विस्तृत आकलन किया गया। डीआरएस का सिद्धांत यह है कि मैच के दौरान स्पष्ट गलतियों को दूर किया जा सके, जबकि यह भी सुनिश्चित हो कि मैदान पर फैसले करने वालों के रूप में अंपायरों की भूमिका बनी रहे। अंपायर्स कॉल से ऐसा होता है और यही कारण है कि यह महत्वपूर्ण है कि यह बरकरार रहे।' 

आइसीसी ने कहा, 'एलबीडब्ल्यू के रिव्यू के लिए विकेट जोन की ऊंचाई को बढ़ाकर स्टंप के शीर्ष तक कर दिया गया है।' इसका मतलब हुआ कि अब रिव्यू लेने पर बेल्स के ऊपर तक की ऊंचाई पर गौर किया जाएगा, जबकि पहले बेल्स के निचले हिस्से तक की ऊंचाई पर गौर किया जाता था। इससे विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी। दूसरा बदलाव यह किया गया है कि एलबीडब्ल्यू के फैसले की समीक्षा पर निर्णय लेने से पहले खिलाड़ी अंपायर से पूछ पाएगा कि गेंद को खेलने का वास्तविक प्रयास किया गया था या नहीं। तीसरे बदलाव के तहत अब तीसरा अंपायर शॉर्ट रन की स्थिति में रीप्ले देखकर इसकी समीक्षा कर पाएगा और अगर कोई गलती होती है तो अगली गेंद फेंके जाने से पहले इसे सही करेगा।'


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