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बेटी गूगल पर नाम देखे उससे पहले बेकसूर साबित होना चाहता था : श्रीसंत

दिल्ली की एक अदालत द्वारा स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी किए गए एस श्रीसंत ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी बेटी जब उनका नाम गूगल करे तो एक क्रिकेटर के रूप में उन्हें जाने, एक आतंकवादी के रूप में नहीं।

By sanjay savernEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 04:21 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 04:30 PM (IST)
बेटी गूगल पर नाम देखे उससे पहले बेकसूर साबित होना चाहता था : श्रीसंत

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत द्वारा स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी किए गए एस श्रीसंत ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी बेटी जब उनका नाम गूगल करे तो एक क्रिकेटर के रूप में उन्हें जाने, एक आतंकवादी के रूप में नहीं।

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श्रीसंत ने कहा, 'मेरी बेटी तीन महीने की है। जब वह बड़ी होकर मेरा नाम गूगल करेगी तो मैं चाहता हूं कि वह मुझे क्रिकेटर के रूप में पाए, आतंकवादी के रूप में नहीं। मैंने जब दाउद इब्राहिम के साथ अपनी तस्वीर फ्लैश होते देखी तो मैं स्तब्ध रह गया। मैं हैरान था कि मैंने ऐसा क्या कर दिया है। मेरे पिता को दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है। उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई है। जब बेटे को तिहाड़ जेल भेजा गया तो पिता पर क्या गुजरी होगा।

बीसीसीआइ ने कहा है कि वह श्रीसंत पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाएगी, इस पर श्रीसंत ने कहा कि वह बीसीसीआइ से लडऩा नहीं चाहते। उन्होंने कहा, 'मैं जो कुछ भी हूं, बीसीसीआइ की वजह से हूं और मैं उसके खिलाफ नहीं जाऊंगा। मेरा मानना है कि वे मेरी सच्चाई देखेंगे। फिलहाल मुझे खुशी है कि मैं कम से कम क्लब मैच खेल सकूंगा और फिर से आउटस्विंगर डाल सकूंगा।

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