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कुछ इस अंदाज में सचिन-द्रविड़ ने दी एक-दूसरे को विदाई

नई दिल्ली। क्रिकेट की दो महान हस्तियां सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जब संभवत: आखिरी बार रविवार को यहां मिलकर एक साथ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरीं तो उन्होंने एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

By Edited By: Published: Mon, 07 Oct 2013 02:01 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2013 02:04 PM (IST)
कुछ इस अंदाज में सचिन-द्रविड़ ने दी एक-दूसरे को विदाई

नई दिल्ली। क्रिकेट की दो महान हस्तियां सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जब संभवत: आखिरी बार रविवार को यहां मिलकर एक साथ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरीं तो उन्होंने एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चैंपियंस लीग टी-20 के फाइनल से पहले द्रविड़ ने कहा कि तेंदुलकर हमेशा उनके लिए प्रेरणास्त्रोत रहे। जबकि तेंदुलकर ने कहा कि उनकी हर टीम में नंबर तीन पर द्रविड़ उतरेगा। तेंदुलकर का अंतिम टी-20 मैच और द्रविड़ का प्रतिस्पर्धी क्रिकेट का यह अंतिम मैच चर्चा का विषय बना रहा।

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द्रविड़ ने उम्र में खुद से दो महीने छोटे तेंदुलकर के बारे में कहा, 'मैं उम्र में उनसे सीनियर हो सकता हूं लेकिन क्रिकेट में वह मुझसे सात साल सीनियर हैं और मैं हमेशा उन्हें अपने लिए प्रेरणास्त्रोत मानता रहा हूं। मेरे तीसरे टेस्ट के समय तेंदुलकर भारतीय टीम के कप्तान थे। एक युवा उदीयमान क्रिकेटर के लिए सचिन प्रेरणादाई व्यक्ति्व हैं। उन्होंने बेहद छोटी आयु में दुनिया भर में अपना डंका बजाया। हम जैसे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे लोगों के लिए वह प्रेरक थे।'

दूसरी तरफ तेंदुलकर ने कहा, 'मैं पहली बार द्रविड़ के साथ एक टीम में 1995 में चैलेंजर ट्रॉफी में खेला था। तब मैं टीम का कप्तान था। उनकी तकनीकी इतच्ी अच्छी है कि आप उन पर आंख मूंदकर विश्वास कर सकते हैं। जब ज्यादातर बल्लेबाज दिक्कत महसूस कर रहे होते हैं, तो वह सहज नजर आते हैं। उन्हें चुनौतियां पसंद हैं। मेरी कोई भी टीम होगी उसमें नंबर तीन पर द्रविड़ होगा।'

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40 वर्षीय द्रविड़ ने 2012 की मार्च में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। द्रविड़ संभवत: अब आगे प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेलेंगे। वह पहले ही इसका संकेत दे चुके हैं। जबकि तेंदुलकर पिछले साल दिसंबर में वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से और इस साल आइपीएल से संन्यास ले चुके हैं। तेंदुलकर अब अपना पूरा ध्यान टेस्ट मैचों पर लगाना चाहते हैं। वह इस साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ 200वां टेस्ट मैच खेलकर नई उपलब्धि हासिल करेंगे।

तेंदुलकर और द्रविड़ की जुगलबंदी क्रिकेट के मैदान पर जगजाहिर है। आखिर 146 टेस्ट और 245 वनडे मैचों में उन्होंने एक-दूसरे का साथ दिया। टेस्ट मैचों में 6920 रन एक दूसरे के साथ मिलकर जोड़े। किन्हीं दो बल्लेबाजों के बीच साझेदारी का यह विश्व रिकॉर्ड है। वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी इन दोनों ने मिलकर 98 वनडे में 4117 रन की साझेदारी की। इनमें 11 शतकीय साझेदारियां भी शामिल हैं। इन दोनों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ नवंबर, 1999 को हैदराबाद में दूसरे विकेट के लिए 331 रन जोड़े थे जो आज भी विश्व रिकॉर्ड है।

अब चैंपियंस लीग टी-20 का फाइनल वह आखिरी मैच है, जिसमें तेंदुलकर और द्रविड़ एक साथ मैदान पर विराजमान रहे। यह भी कम दिलचस्प नहीं है कि इस बार चैंपियंस लीग की शुरुआत इन दोनों दिग्गजों की टीमों के मुकाबले से हुई और समापन भी इन दोनों की टीमें कर रही हैं।

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