गौतम गंभीर ने नवदीप सैनी को बताया भारतीय टीम के लिए एक खजाना, जानिए क्यों कहा ऐसा
Gautam Gambhir on Navdeep Saini पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने नवदीप सैनी को भारतीय टीम का खजाना बताया है।
गौतम गंभीर का कॉलम। जिस तरह से सेंसेक्स बढ़ता दिख रहा है, उसी तरह से नवदीप सैनी यह इशारा कर रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट का सिस्टम मजबूत हो चुका है। उनकी कहानी दिशा और उद्देश्य से रहित थी, लेकिन अब उनकी जिंदगी और गेंदबाजी में यह दोनों चीज हें। जिस तरह का स्पेल सैनी ने इंदौर में खेले गए दूसरे टी-20 में किया, उससे विराट कोहली खुद को करोड़पति समझ सकते हैं, क्योंकि सैनी के पीछे उनके पास जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, दीपक चाहर, भुवनेश्वर कुमार और अनुभवी इशांत शर्मा हैं, जो भारतीय तेज गेंदबाजी की जान हैं। मैं भविष्य में ज्यादा नहीं देखना चाहता हूं, लेकिन तेज गेंदबाजी भारतीय टीम का सीना चौड़ा कर सकती है।
2013-14 घरेलू सत्र में मेरी दिल्ली रणजी टीम के साथी सुमित नरवाल ने सैनी को मुझसे मिलवाया था। तब मैं दिल्ली टीम की कप्तानी करते हुए भारतीय टीम में वापसी के लिए प्रयास कर रहा था। हम उस समय विशुद्ध तेज गेंदबाजों को खोज रहे थे। दिल्ली टीम के अभ्यास सत्र में नरवाल को सैनी का सामना करने का मौका मिला, लेकिन आपको पता है कि सैनी अभ्यास सत्र नहीं करना चाहता था। नरवाल मेरे पास आए और बोले कि सैनी अभ्यास सत्र में नेट गेंदबाज नहीं बनना चाहता और टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना चाहता है।
हालांकि उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था। सैनी का टेनिस बॉल मैच रद हो गया और उसने नरवाल को देर रात कॉल किया और कहा कि वह उन्हें गेंदबाजी करने के लिए तैयार है। नरवाल ने सैनी को देखा था। एक पतला सा लड़का जो करनाल प्रीमियर लीग और अन्य लोकल टूर्नामेंट में खेलता था। इसी बीच वह 4-5 मैचों के लिए 2100 रुपये में बिक गया। इसके पांच साल बाद आरसीबी ने सैनी को तीन करोड़ रुपये में खरीद लिया। बाकी पैसों के मामले का गणित मैं आप पर छोड़ देता हूं।
मुझे लगता है कि सैनी की गेंदबाजी में तथ्य यह है कि वह टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला है। यही वजह है कि उसकी गेंद में उछाल रहता है और फुल लेंथ गेंद उनकी अच्छी जगह पड़ती है। इसके पीछे एक उनका गेंद को छोड़ना और एक्शन भी उनकी मदद करता है। अपनी याददाश्त पर जोर डालिए और सोचिए उन्होंने राजपक्षे को आउट किया था और तब आप समझेंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं। यह अक्सर देखने को नहीं मिलता है कि भारतीय तेज गेंदबाज मध्य क्रम के बल्लेबाज को अपनी गेंद की उछाल और गति से आउट करे।
यह तेज गेंदबाजी दल वाकई में खजाने की तरह है, जिसकी हमें सालों से खोज थी। इसके लिए गेंदबाजी कोच भरत अरुण को भी श्रेय जाता है। पुणे के मुकाबले में भी सैनी का जादू देखने को मिल सकता है। उन्हें पुणे की लाल मिट्टी वाली पिच पसंद आनी चाहिए। श्रीलंका भी इस मैच में अच्छा करना चाहेगी, अन्यथा उनकी प्रतिष्ठा कहीं नहीं बचेगी। मुझे केएल राहुल का लय में आना पसंद आया। मुझे लगता है कि विराट और रोहित के बाद वह एक मजबूत कड़ी बनते जा रहे हैं। जो इन दोनों खिलाड़ियों के बाद भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन सकते हैं।