इस वजह से बेहद खास है दुनिया का दूसरा सबसे पुराना इंग्लैंड का ट्रेंट ब्रिज स्टेडियम
ट्रेंट ब्रिज दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है।
अभिषेक त्रिपाठी, नॉटिंघम। क्रिकेट के जनक इंग्लैंड में अगर लॉर्ड्स को होम ऑफ क्रिकेट कहा जाता है तो ट्रेंट ब्रिज दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है। इसकी सबसे अलग चीज इसके मैदान का आकार है। अधिकतर क्रिकेट मैदान गोल होते हैं, लेकिन इसका आकार लगभग षटकोण जैसा है। स्टेडियम बनने के आधार पर यह दुनिया का दूसरा सबसे पुराना, जबकि टेस्ट मैच के आयोजन के आधार पर तीसरा सबसे पुराना स्टेडियम है। यह नॉटिंघमशायर काउंटी क्लब का घरेलू मैदान भी है।
द क्रिकेट राइटर्स क्लब के अध्यक्ष माइकल स्लेवी कहते हैं कि इस स्टेडियम की अपना इतिहास है। वैसे तो दुनिया का सबसे पुराना और ऐतिहासिक स्टेडियम भी पूरी तरह गोल नहीं है लेकिन इस स्टेडियम का आकार बिलकुल ही अलग है। ऐसे स्टेडियम न्यूजीलैंड में मिलते हैं लेकिन वह उतने पुराने नहीं है। इसका क्रिकेट मैदान की तरह पहली बार प्रयोग 1830 में हुआ। यहां ट्रेंट ब्रिज इन रेस्तरां है और उसके पीछे ही एक मैदान जैसा था जिस पर 1830 में पहला टेस्ट मैच खेला गया। 1841 में यहां स्टेडियम बनाया गया जिसमें पहला आधिकारिक टेस्ट मैच 1899 में खेला गया। यह मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया।
क्रिकेट देखने के लिए शानदार जगह : स्लेवी कहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ जगह है। इसके आकार के कारण ही हर जगह से मैच विशेष तरह से दिखाई देता है जबकि बाकी मैदानों में कुछ क्षेत्र ही ऐसे होते हैं जहां से मैच देखने में मजा आता है। यही कारण है कि इस स्टेडियम में कई बार परिवर्तन किया गया लेकिन इसके मैदान के आकार में परिवर्तन नहीं किया गया। हम इतिहास को बरकरार रखने में यकीन रखते हैं। इस स्टेडियम से सटा हुआ ही ट्रेंट ब्रिज इन रेस्तरां है जिसके कुछ गेट स्टेडियम के अंदर ही खुलते हैं। इसकी मालकिन के पति विलियम क्लार्क ने इसे मैदान के तौर पर डेवलप किया। वह ऑल इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे। इसके बाद इसमें लगातार बदलाव होते रहे। 1990 में यहां नया विलियम क्लार्क स्टैंड बनाया गया तो 1998 में रेडक्लिफ रोड क्रिकेट सेंटर बना। आसपास के लोगों के विरोध के बावजूद 2002 में एयरक्राफ्ट विंग की तरह एक स्टैंड की छत बनाई गई है जिसने इसे और भी खूबसूरत बना दिया है। 2008 में यहां फ्लड लाइट लगाई गई और इसके बाद यहां डे-नाइट मैच भी होने लगे। इसकी दर्शक क्षमता 17500 है।
ट्रेंट नदी में बने ब्रिज के कारण मिला नाम : इस स्टेडियम के पास में ही ट्रेंट नदी बहती है और उस पर एक ऐतिहासिक ब्रिज बना हुआ है। उसी के नाम पर इस स्टेडियम को ट्रेंट ब्रिज स्टेडियम कहा जाता है।
दुनिया के सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियम
स्टेडियम, देश, शहर, निर्माण, पहला टेस्ट, टीमें
लॉर्ड्स, इंग्लैंड, लंदन, 1814, 21 जुलाई 1884, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया
ट्रेंट ब्रिज, इंग्लैंड, नॉटिंघम, 1841, एक जून 1899, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया
ओवल, इंग्लैंड, लंदन, 1845, सितंबर 1880, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड, ऑस्ट्रेलिया, सिडनी, 1848, 17 फरवरी 1982, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड, ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न, 1853, 15 मार्च 1877, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया