विराट की इस गलती के कारण नं- 1 के ताज पर चार दिन भी नहीं टिक पाई टीम इंडिया
ऑस्ट्रेलिया को दोबारा हराना आसान नहीं होने वाला है। भारतीय टीम की लगातार नौ जीत का सफर थम चुका है।
बेंगलुरु, अभिषेक त्रिपाठी। ताज पाना आसान होता है, लेकिन उसे बरकरार रखना मुश्किल। कुछ ऐसा ही विराट कोहली की टीम का हाल है। लगातार तीन मुकाबले जीतकर उनकी टीम नंबर वन तो बन गई, लेकिन अतिआत्मविश्वास और जरूरत से ज्यादा प्रयोग के कारण वह इस मुकाम पर चार दिन तक भी नहीं टिक पाई। इंदौर के होल्कर स्टेडियम में जीतकर पाया ताज बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में गंवा दिया।
हालांकि, टीम इंडिया रविवार को नागपुर में आखिरी वनडे जीतकर इसे दोबारा हासिल कर सकती है, लेकिन अब यह आसान नहीं होने वाला, क्योंकि लगातार हार झेल रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को अब जीत की सुगंध लग गई है। ऐसे में उसे दोबारा हराना आसान नहीं होने वाला है। भारतीय टीम की लगातार नौ जीत का सफर थम चुका है।
थोक के भाव बदलाव न करें
भारतीय टीम ने चेन्नई, कोलकाता और इंदौर में बिना टीम में बदलाव किए मैच जीते। हालत यह थी कि फंसे हुए मैच भी टीम इंडिया ने अपने नाम कर लिए, लेकिन लगातार तीन जीत से विराट अतिआत्मविश्वास का शिकार हो गए और उन्होंने अपने दूसरे घरेलू मैदान में तीन बदलाव कर डाले, वह भी सारे के सारे गेंदबाजी विभाग से। विराट को अगर मौका देना ही है तो भारतीय खिलाड़ियों को दें, ऑस्ट्रेलिया टीम को नहीं।
उन्होंने पिछले मैच में भुवी, बुमराह और कुलदीप जैसे सफल गेंदबाजों की जगह उमेश, शमी और अक्षर को मौका दिया, जिसका फायदा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने उठाया। भारतीय टीम नागपुर मैच जीतकर फिर से वनडे में नंबर वन बन सकती है, लेकिन विराट को आमूलचूल बदलाव से बचना होगा। यही नहीं बल्लेबाजी क्रम में भी उन्हें जरूरत से ज्यादा बदलाव से बचना होगा। विराट और शास्त्री भले ही कह रहे हों कि वे 2019 विश्व कप के लिए टीम तैयार कर रहे हैं, लेकिन उनकी टीम भारत की टीम होनी चाहिए, न कि विराट की टीम।
विराट ने किया फैसले का बचाव
हालांकि, कोहली ने बदलाव के फैसले का बचाव करते हुए वही घिसा-पिटा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आपको कहीं न कहीं खिलाडि़यों को आजमाना होता है। आपको अपनी बेंच स्ट्रेंथ भी आजमानी होती है और आपको उन्हें मौके देने होते हैं। मुझे लगता है कि उमेश ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। शमी भी अच्छे रहे। उमेश ने चार विकेट भी झटके। कोहली ने कहा कि वैकल्पिक रणनीति का क्रियान्वयन ही मैच में सफलता का राज है। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो बैठकर सोचे कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। आपको कोशिश करनी होती है। कुछ और आजमाना होता है, अगर यह कारगर नहीं होता तो आपको दूसरी योजना बनानी होती है और आपको फिर से इसे इस्तेमाल करना होता है। मैं ऐसा ही सोचता हूं और पूरी टीम भी ऐसा ही सोचती है।
विदेशों में जीतकर बन सकते हैं सर्वश्रेष्ठ
कोहली मानते हैं कि वर्तमान टीम इंडिया में वनडे क्रिकेट की अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीम बनने का माद्दा है। अगर टीम इंडिया विदेशों में भी ऐसा ही दमदार प्रदर्शन दिखाए, तो ऐसा हो सकता है। गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि भारतीय टीम अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीम इंडिया के तौर पर अपने सत्र का समापन करेगी। विराट ने गावस्कर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी (गावस्कर) ओर से की गई यह स्वभाविक तौर पर शानदार टिप्पणी है। इससे अच्छा महसूस होता है, क्योंकि उन्होंने बीते कुछ वर्षो में कई भारतीय टीमों को देखा है। अभी यह लंबा सफर है, क्योंकि हमारी टीम युवा है। हम फिलहाल घर पर खेल रहे हैं। अगर हम ऐसा ही प्रदर्शन विदेशों में भी दोहरा पाएं, तो उसके बाद हम चैन से बैठ सकते हैं और खुशी जाहिर कर सकते हैं कि हमने क्या किया है।