मुश्ताक अली ट्रॉफी से होगा घरेलू सीजन का शुभारंभ, IPL नीलामी की वजह से किया गया ये फैसला
20 दिसंबर से 10 जनवरी तक मुश्ताक अली ट्रॉफी आयोजन कराने की योजना है जिससे जनवरी में आइपीएल के लिए होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी से पहले टी-20 की प्रतिभाओं का पता चल सके। इस बार आइपीएल के लिए बड़ी नीलामी होनी है।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारत के घरेलू क्रिकेट की शुरुआत सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से होगी। दैनिक जागरण ने 27 नवंबर को ही ये जानकारी दे दी थी कि जल्द ही बीसीसीआइ इसकी घोषणा करेगी। बीसीसीआइ के शीर्ष सूत्रों के अनुसार मंगलवार की सुबह अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, एन. श्रीनिवासन और पूर्व आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के बीच जूम मीटिंग में घरेलू क्रिकेट पर आए राज्य क्रिकेट संघों के सुझावों प चर्चा हुई। इसके बाद मिलकर यह फैसला लिया गया कि सबसे पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 टूर्नामेंट का आयोजन होगा।
20 दिसंबर से 10 जनवरी तक इसका आयोजन कराने की योजना है जिससे जनवरी में आइपीएल के लिए होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी से पहले टी-20 की प्रतिभाओं का पता चल सके। इस बार आइपीएल के लिए बड़ी नीलामी होनी है और फ्रेंचाइजी भी चाहती हैं कि टी-20 घरेलू टूर्नामेंट पहले हो जिससे उन्हें अपनी टीम के लिए अच्छे घरेलू क्रिकेटर मिल सकें। इस मीटिंग में यह भी तय हुआ कि इसके आयोजन के बाद या बीच में तय किया जाएगा कि रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में से किसका आयोजन कराया जाना है और कब कराया जाना है।
इससे पहले बीसीसीआइ ने राज्य संघों से घरेलू क्रिकेट के आयोजन को लेकर राज्य संघों से सुझाव मांगे थे जिसमें अधिकतर संघों ने टी-20 टूर्नामेंट से शुरुआत करने का सुझाव दिया था तो कुछ ने 50 ओवर कीविजय हजारे ट्रॉफी के आयोजन की बात कही थी। इनके अलावा कुछ ऐसे भी राज्य संघ हैं जिन्होंने टी-20 के साथ रणजी ट्रॉफी को कराने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, हरियाणा क्रिकेट संघ ने घरेलू सत्र आयोजित नहीं करने का सुझाव दिया है, जबकि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) ने सिर्फ मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट कराने की बात कही है।
अरुणाचल क्रिकेट संघ और केरल क्रिकेट संघ ने मुश्ताक अली के साथ-साथ विजय हजारे ट्रॉफी भी कराने का सुझाव दिया है तो उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने सरकार के सख्त दिशानिर्देशों के तहत सबसे छोटे प्रारूप के आयोजन की पेशकश की है। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने मुश्ताक अली के साथ ही रणजी ट्रॉफी के आयोजन की सिफारिश की है। टी-20 टूर्नामेंट का सुझाव देने वाले राज्य संघों के मुताबिक, कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए छोटे प्रारूप को कराना ज्यादा बेहतर होगा। इसमें समय भी कम लगेगा और खिलाडि़यों की सुरक्षा पर भी अच्छे से ध्यान दिया जा सकेगा। मालूम हो कि महामारी और लॉकडाउन की वजह से बीसीसीआइ ने देश में अभी तक क्रिकेट प्रतियोगिताओं की शुरुआत नहीं की है।
आइपीएल का आयोजन भी बोर्ड ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में करवाया था। हालांकि अब जब हर देश में बायो सिक्योर बबल (कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए सुरक्षित माहौल) में क्रिकेट की शुरुआत हो चुकी है तब ऐसे में बीसीसीआइ भी इस दिशा में कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि बीसीसीआइ ने घरेलू क्रिकेट का आयोजन करने के लिए सीमित मुकाबलों के सत्र के ढांचे पर बुधवार तक राज्य संघों की सलाह मांगी थी। संघों को लिखे पत्र में बोर्ड ने घरेलू मुकाबलों के आयोजन को लेकर चार विकल्प दिए थे, जिसमें पहला विकल्प सिर्फ रणजी ट्रॉफी का आयोजन और दूसरा विकल्प सिर्फ सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट का आयोजन है। तीसरे विकल्प में रणजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन करना था, जबकि चौथा विकल्प दो सीमित ओवरों के टूर्नामेंट (सैयद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी) के लिए विंडो तैयार करना है।