चैंपियंस ट्रॉफी विवाद: सीओए, बीसीसीआइ और आइसीसी में बढ़ा टकराव
बीसीसीआइ के रुख पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति की आपत्ति के बावजूद बोर्ड के दिग्गज पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के पसीने छुटाने में जुटे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के रुख पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की आपत्ति के बावजूद बोर्ड के दिग्गज पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सबसे पहले बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बुधवार को सीओए को ई-मेल में लिखा कि अधिकतर राज्य संघों का यह मानना है कि हमें आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजना चाहिए, इस पर आपकी क्या राय है?
इसके बाद सीओए ने गुरुवार को ई-मेल जारी करते हुए लिखा कि आपने पहले ही सात मई को विशेष आम सभा (एसजीएम) बुला रखी है। इसमें 24 और 26 अप्रैल को दुबई में हुई बैठक को लेकर आइसीसी पर फैसला होना है। इससे पहले आइसीसी को कोई नोटिस भेजने का कारण नजर नहीं आता। हमें नहीं लगता कि अगर आप एसजीएम से पहले नोटिस नहीं भेजते हो तो उससे भारत के हितों को कोई खतरा है। आपको पहले चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चुननी चाहिए।
इसके जवाब में अमिताभ ने गुरुवार को ही फिर सीओए को ई-मेल लिखकर कहा कि आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजने का अंतिम समय नजदीक आता जा रहा है। 30 दिन पहले हमें नोटिस भेजना होगा। आप हमें इसकी अनुमति दें। अगर समय पर ऐसा नहीं किया गया तो बीसीसीआइ के हित प्रभावित होंगे। हमें लगता है कि आपको कोई गलत सलाह दी गई है।
फिर भी टीम नहीं होगी घोषित
सीओए ने अपने ई-मेल में कहा कि राजस्व मामले को लेकर एसजीएम सात मई को है तो टीम के चयन में इतना इंतजार क्यों? हमारा मानना है कि एसजीएम में कोई भी फैसला इस तथ्य पर होना चाहिए कि भारत आज की दुनिया में सबसे अच्छी टीम है। टीम इंडिया को अनिश्चितता और भ्रम से घिरे होने की बजाय एक सहायक वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की भागीदारी को लेकर नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है। भारतीय टीम को ट्रॉफी एक बार फिर अपने नाम करने का मौका मिलना चाहिए।
इसके बावजूद बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा कि हम सात मई से पहले टीम चयन नहीं करने जा रहे हैं। हालांकि अंदर की बात है टीम के 14 खिलाड़ी तय हैं। एक-दो स्थानों के लिए पहले से ही चयनकर्ताओं में आपस में बात हो चुकी है। भारत को चार जून को पहला मैच खेलना है और हमें 30 दिन पहले आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि अमिताभ बिना सीओए की सहमति के आइसीसी को नोटिस भेजेंगे।
छवि सुधारे बीसीसीआइ
सीओए ने अपने मेल में यह भी लिखा है कि हमारा फोकस भारतीय क्रिकेट को ऊंचाई पर ले जाने का होना चाहिए, न कि नकारात्मक छवि बनानी चाहिए। टीम जितने ऊंचे पायदान पर होगी, राजस्व में भी उतना ही फायदा होगा। बीसीसीआइ इस बात को नजरअंदाज कर देता है कि आइसीसी में उसका प्रमुख स्थान है। उसे अन्य क्रिकेट बोर्ड की मदद के लिए सकारात्मक छवि बनाना चाहिए। वहीं, बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना का कहना है, 'हम आपस में सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सीओए की बात को भी ध्यान में रखा जाएगा।'
सीओए, बीसीसीआइ और आइसीसी की जंग
आइसीसी से बीसीसीआइ को मिलने वाला राजस्व आधा होने के बाद दोनों के बीच जंग छिड़ी हैं। जहां बीसीसीआइ राजस्व के बिग थ्री मॉडल से हटने के कारण आइसीसी को कानूनी नोटिस भेजकर चैंपियंस ट्रॉफी से हटने तक का मूड बनाए है वहीं सीओए चाहता है कि सात तारीख की एसजीएम से पहले आइसीसी को कोई कानूनी नोटिस नहीं भेजा जाए। साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी से भारत कतई न हटे। इसके लिए सीओए ने पांच को बीसीसीआइ के उत्तर व पश्चिम जोन और छह को मध्य, दक्षिण और पूर्व जोन की बैठक बुलाई है।