बाउंसर पर रोक के पक्ष में नहीं है ये पूर्व तेज गेंदबाज
क्रिकेट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल ह्यूज के निधन के बाद बाउंसर के उपयोग को लेकर बहस शुर हो गई है। कुछ की मांग है कि बाउंसर पर प्रतिबंध लगे, लेकिन कुछ इसके पक्ष में खड़ें हैं।
दुबइ। क्रिकेट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल ह्यूज के निधन के बाद बाउंसर के उपयोग को लेकर बहस शुर हो गई है। कुछ की मांग है कि बाउंसर पर प्रतिबंध लगे, लेकिन कुछ इसके पक्ष में खड़ें हैं।
अपने समय में दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज रहे पाकिस्तान के शोएब अख्तर के मुताबिक बाउंसर पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। समस्या का यह हल नहीं है। मैं मानता हूं कि ह्यूज का निधन दुखद घटना है, लेकिन बाउंसर पर प्रतिबंध लगाने से समस्या हल नहीं होगी। 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान अख्तर ने 46 टेस्ट, 163 वन-डे और 15 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उस दौर में दुनियाभर के बल्लेबाज अख्तर की गेंदों से खौफ खाते थे।
अख्तर ने दो घटनाएं याद की, जिनमें उनकी गेंदों से बल्लेबाज घायल हुए थे। एक बार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कोच गैरी कर्स्टन को 2003-04 में टेस्ट मैच के दौरान चेहरे पर चोट लगी थी। इसी तरह 2004 चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में कैरेबियाई कप्तान ब्रायन लारा को चोट लगी थी। लारा की चोट भी कुछ-कुछ ह्यूज की तरह ही थी क्योंकि उन्हें भी सिर के पिछले हिस्से में गेंद लगी थी। मगर लारा को कोई गंभीर चोट नहीं लगी थी।
अख्तर का कहना है कि जब मैं गेंद फेंकता तो बल्लेबाजों को इससे ज्यादा चोट की संभावना रहती, लेकिन ह्यूज को संवेदनशील जगह पर गेंद टकराई। मेरे विचार से अब समय आ गया है जब हैलमेट निर्माता कंपनियों को बेहतर डिजाइन और सामग्री का इस्तेमाल करना होगा। जिससे सिर के पिछले हिस्से और गर्दन की भी सुरक्षा हो।