कानपुर में टीम होटल से पकड़े गए सटोरिए, BCCI का 'सफेद हाथी' आया काम
टीम होटल में ही सटोरियों का रुकना और कई दिनों तक वहां बना रहना चिंता का विषय है।
अभिषेक त्रिपाठी, कानपुर। दिल्ली डेयरडेविल्स और गुजरात लायंस के बीच मैच के बाद टीम होटल से सटोरियों को पकड़वाने में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के सफेद हाथी यानि एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) ने अहम भूमिका निभाई। ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार के नेतृत्व वाली एसीयू ने इस तरह का कमाल किया है। हालांकि टीम होटल में ही सटोरियों का रुकना और कई दिनों तक वहां बना रहना चिंता का विषय है।
बीसीसीआइ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि एसीयू ने सजगता दिखाते हुए सटोरियों पर नजर बनाएं रखीं और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर बेहतरीन काम किया। मालूम हो कि हर टीम के साथ एसीयू का एक सदस्य रहता है और इसके अलावा आयोजन स्थल पर भी एक सदस्य संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखता है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एसीयू ने होटल में रुके दो लोगों की गतिविधियों को संदिग्ध पाया था, लेकिन उनके पास कोई सुबूत नहीं था इसलिए उन्होंने उन पर नजरें गड़ाए रखी।
इस दौरान एसीयू ने दिशानिर्देश जारी किए थे कि कोई भी खिलाड़ी किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलेगा। अगर उसे कानपुर में दस और 13 तारीख को होने वाले मैच के बीच में किसी से मिलना है तो वह होटल लॉबी में होटल मैनेजर के सामने मिलेगा। किसी कमरे में खिलाड़ी किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलेगा। एसीयू ने पहली बार इस तरह का प्रतिबंध लगाया था और उससे ही समझ में आ गया था कि कुछ बड़ी गड़बड़ हो रही है। एसीयू ने चार्ज संभालने के बाद होटल लैंडमार्क के स्टाफ की भी जांच की थी। कानपुर में पहले भी सट्टेबाजों के पकडे़ जाने के कारण एसीयू ने सोशल मीडिया में किए जा रहे पोस्ट पर भी नजरें गड़ाकर रखी थीं।
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि एसीयू ने पहली बार कोई केस पकड़ने में अहम रोल निभाया। एसीयू पुराने अनुभवों से सीख ले रही है। अभी तक तो इसकी आलोचना ही होती रहती थी। एसीयू इन लोगों को तीन दिन से ट्रैक कर रही थी। हमारी जानकारी के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ की इसमें संलिप्तता नहीं पाई गई है। यह और अच्छी बात है। अब हमें लग रहा है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।
- पिच से छेड़छाड़ की थी कोशिश !
जिन सटोरियों की होटल से गिरफ्तारी हुई थी उनके अलावा इनके गिरोह का तीसरा सदस्य ग्रीन पार्क स्टेडियम से भी पकड़ा गया। खबरों के मुताबिक इसका नाम रमेश है और इसने सटोरियों से वादा किया था कि वो मैदान पर काम करने वाले ग्राउंडस्टाफ से परिचित है जो पिच पर ज्यादा पानी डालकर हालातों को बदलने का काम कर सकता है। हालांकि बाद में ये भी पता चला कि रमेश सिर्फ इन सटोरियों को अपनी बातों से बहला रहा था इससे ज्यादा कुछ नहीं।
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- किसने क्या कहा
'नीरज कुमार और उनकी टीम ने अच्छा काम किया है। निश्चित तौर पर इससे आइपीएल को और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। हम क्रिकेट को और ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।' -सीके खन्ना, कार्यवाहक अध्यक्ष, बीसीसीआइ
'पहली बार एसीयू ने सटोरियों को पकड़ने में मदद की है। निश्चित तौर पर वे बधाई के पात्र हैं। इसमें कोई भी क्रिकेटर या आइपीएल से जुड़ा व्यक्ति शामिल नहीं है। सटोरियों ने टीम होटल में कमरा कैसे बुक कराया इसके बारे में होटल प्रबंधन ही कुछ बता सकता है।' - राजीव शुक्ला, आइपीएल चेयरमैन