अद्भुत लम्हा: कुछ ऐसा हुआ जब मिले दो 'भारत रत्न'...
यूं तो पूर्व महान भारतीय क्रिकेटर सचिन रमेश तेंदुलकर और सुर कोकिला लता मंगेशकर इससे पहले भी कई बार आमने-सामने आ चुके हैं, दोनों ही खुद को एक दूसरे का फैन मानते है लेकिन ये पहला ऐसा लम्हा था जब 'भारत रत्न' सचिन तेंदुलकर और 'भारत रत्न' लता मंगेशकर एक दूसरे से मिले। क्या हुआ इस मुलाकात के दौरान, आइए जानते हैं। खबरों के
मुंबई। यूं तो पूर्व महान भारतीय क्रिकेटर सचिन रमेश तेंदुलकर और सुर कोकिला लता मंगेशकर इससे पहले भी कई बार आमने-सामने आ चुके हैं, दोनों ही खुद को एक दूसरे का फैन मानते है लेकिन ये पहला ऐसा लम्हा था जब 'भारत रत्न' सचिन तेंदुलकर और 'भारत रत्न' लता मंगेशकर एक दूसरे से मिले। क्या हुआ इस मुलाकात के दौरान, आइए जानते हैं।
खबरों के मुताबिक दो भारत रत्नों को साथ लाने का ये काम महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने किया। राज ठाकरे ने दोनों भारत रत्नों की मेजबानी अपने निवास पर की। सचिन अपनी पत्नी अंजलि के साथ यहां पहुंचे थे। जब सचिन और लता आमने-सामने आए तो ये बेहद अद्भुत लम्हा था क्योंकि दो ऐसे लोग एक साथ खड़े थे जो ना जाने दुनिया में कितने करोड़ों लोगों के दिलों पर अपने-अपने हुनर के दम पर दशकों से राज करते आए हैं। सचिन और अंजलि ने सबसे पहले लता के पांव छूकर उनसे आर्शीवाद लिया और उसके बाद लता ने सचिन को एक तोहफे के तौर पर एक फ्रेम दिया जिसमें लता के दो मशहूर गानों के बोल (तू जहां-जहां चलेगा और पिया तोसे नैना लागे) खुद उनके द्वारा लिखे गए थे।
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इसके बाद सचिन ने भी लता मंगेशकर को टीम इंडिया की अपनी एक टी-शर्ट भेंट की जिसमें उन्होंने लिखा, 'आदरणीय लता दीदी, प्रेम और आर्शीवाद के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।' इस पर सचिन ने अपना हस्ताक्षर भी किया। गौरतलब है कि नवंबर 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारत सरकार ने सचिन को भारत रत्न से नवाजे जाने का एलान किया था और फिर फरवरी में उन्हें इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। जबकि लता मंगेशकर को 2001 में ही भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।