BCCI नहीं करेगा चयन प्रकरण की जांच, यूपीसीए के लोकपाल करेंगे यूपी में चयन प्रक्रिया की जांच
अकरम सैफी मामले की जांच यूपीसीए करेगा।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के सहयोगी अकरम सैफी के बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी को गुरुवार को इस्तीफा सौंपने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने जांच नहीं कराने का फैसला किया है। हालांकि दूसरी ओर राजीव शुक्ला के कड़े रवैये के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने अपने लोकपाल और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज चंद्रमौली कुमार प्रसाद को राज्य में चयन प्रक्रिया की जांच करने के लिए नियुक्त किया है।
अकरम ने गुरुवार को ही जौहरी को इस्तीफा सौंप दिया था और अपने खिलाफ लगे आरोपों को नकारा था। बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अकरम ने इस्तीफा दे दिया है और वह अब बोर्ड का हिस्सा भी नहीं हैं। यह प्रकरण भी बीसीसीआइ से जुड़ा हुआ नहीं है इसलिए हम अब इस मामले में जांच नहीं कराएंगे। यूपीसीए इस मामले की जांच करा रहा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त बीसीसीआइ की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना से टेलीकांफ्रेंस के जरिये बात की थी। बीसीसीआइ के नियम के मुताबिक 48 घंटे के भीतर खन्ना को जांच कमिश्नर नियुक्त करना था लेकिन अकरम के इस्तीफे के बाद खन्ना ने इसमें आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया।
एक न्यूज चैनल ने शुक्ला के कार्यकारी सहायक अकरम सैफी और क्रिकेटर राहुल शर्मा की कथित बातचीत का प्रसारण किया था। यूपीसीए के कार्यवाहक सचिव युद्धवीर सिंह ने चयन में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि मैंने राहुल शर्मा की जांच की है और यह पाया कि वह कभी भी राज्य की टीम में शामिल होने का दावेदार नहीं रहा है। उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। हालांकि आइपीएल चेयरमैन और यूपीसीए के निदेशक राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को इस मामले के तह तक जाने के लिए राज्य संघ को कहा जिसके बाद युद्धवीर सिंह ने पूर्व जज को जांच का जिम्मा दिया।
राजीव शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआइ ने सही फैसला किया है। यह यूपीसीए का मामला है और राज्य संघ इसकी जांच कर रहा है। इस जांच से यूपीसीए की चयन प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब मिलेगा।
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश के कप्तान रहे मुहम्मद कैफ ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा था कि वह उत्तर प्रदेश क्रिकेट में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में सुनकर स्तब्ध हैं। राजीव शुक्ला इसकी निष्पक्ष जांच करवाएंगे और युवा खिलाडि़यों को न्याय मिलने के अलावा उत्तर प्रदेश क्रिकेट की प्रतिष्ठा बहाल हो। उधर अकरम ने कहा कि मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। अगर पूर्व जज जांच करते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। मैं पूरा सहयोग दूंगा और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।