बीसीसीआइ की बैठक में भिड़ गए राहुल जौहरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया
रणजी क्रिकेटरों का भी भुगतान बढ़ाया जा सकता है जिन्हें अभी प्रत्येक मैच से 40,000 रुपये मिलते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बीसीसीआइ वित्त समिति के मुखिया और कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को राजधानी में हुई बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए। सिंधिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी और मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) संतोष रंगनेकर से बहस हो गई।
सिंधिया ने सीईओ से पूछा कि उनके पास प्रशासकों की समिति (सीओए) के स्पष्ट दिशा-निर्देश क्यों नहीं हैं। इसी बात को लेकर बहस छिड़ गई और सिंधिया बैठक छोड़कर चले गए। इसके बाद बीसीसीआइ की वित्त समिति ने महिला क्रिकेटरों के भुगतान में वृद्धि समेत अपने सभी फैसलों को सुरक्षित रखने का फैसला किया है और सीओए से अपनी भूमिका के बारे में स्पष्टता की मांग की है।
ज्योतिरादित्य की नाराजगी की वजह यह थी कि वित्त समिति की भूमिका और कार्यक्षेत्र अच्छी तरह से परिभाषित नहीं थे। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि जौहरी और रंगनेकर मौजूद थे। चेयरमैन सहित समिति के अन्य सदस्यों के पास उनके लिए एक ही सवाल था। बैठक में सीईओ ही सीओए के प्रतिनिधि थे तो उनसे पूछा गया कि क्या यह समिति स्वतंत्र फैसले ले सकती है या फिर यह कठपुतली संस्था है। पदाधिकारी ने कहा कि समिति द्वारा पूछे गए सवाल जायज थे। मान लीजिए अगर हम कोई नीतिगत फैसला करते हैं और सीओए इसे ठुकरा देता है तो हमें अपनी भूमिका व कार्यक्षेत्र का दायरा जानने की जरूरत थी। जब तक यह स्पष्ट नहीं होता, हम कोई फैसला नहीं कर सकते थे, क्योंकि वित्तीय लेनदेन शामिल है।
उम्मीद है कि सीओए 16 सितंबर को दिल्ली की बैठक में वित्त समिति की भूमिका व कार्यक्षेत्र दायरे को स्पष्ट करेगा। पता चला है कि भारतीय एलीट महिला क्रिकेटर को इससे काफी फायदा होगा, उन्हें मैच फीस बढ़ने के साथ केंद्रीय अनुबंध से ग्रेड भुगतान में भी वृद्धि से लाभ होगा। रणजी क्रिकेटरों का भी भुगतान बढ़ाया जा सकता है जिन्हें अभी प्रत्येक मैच से 40,000 रुपये मिलते हैं।