Move to Jagran APP

नाइकी से नाता तोड़ 280 करोड़ का नुकसान सहने को तैयार था सीओए

अगर वर्तमान में यह करार रद हो जाता है तो बीसीसीआइ को करीब 280 करोड़ रुपये का नुकसान होता।

By Bharat SinghEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 12:55 PM (IST)
नाइकी से नाता तोड़ 280 करोड़ का नुकसान सहने को तैयार था सीओए

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम और बाद में पुरुष टीम ने खराब जर्सी मिलने की शिकायत की और इस वजह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) नाइकी से करार खत्म करके 280 करोड़ रुपये का नुकसान सहने को भी तैयार थी। हालांकि इसके बाद बीसीसीआइ के पदाधिकारियों ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी जिसके बाद यह अप्रत्याशित कदम नहीं उठाया गया।

loksabha election banner

नौ अगस्त को दिल्ली में विनोद राय की अध्यक्षता में सीओए की बैठक हुई थी, जिसमें सीओए की सदस्य डायना इडुलजी के अलावा बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी मौजूद थे। इसी बैठक के दौरान राय को यह बताया गया कि इंग्लैंड में महिला विश्व कप में खेलने वाली भारतीय खिलाड़ियों ने जर्सी की शिकायत की है। 

इस पर राय ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सीओए की तरफ से कहा गया कि हमें नाइकी से करार खत्म कर देना चाहिए तो बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हमें लगभग 280 करोड़ रुपये का नुकसान हो जाएगा। हालांकि चेयरमैन राय ने कहा कि टीम को खराब जर्सी नहीं दी जा सकती। फिर भी सीओए नाइकी के काम से खफा थे। 

इसके बाद बीसीसीआइ के पदाधिकारियों की तरफ से कहा गया कि नाइकी अगर खराब जर्सी दे रही है तो उसे चेतावनी दी जानी चाहिए या हम खुद भी अपने हिसाब से जर्सी तैयार करवा सकते हैं। इसमें हमें पांच-छह करोड़ रुपये ही खर्च करने होंगे। इससे हमें बड़ा नुकसान नहीं होगा। इस मामले पर जब इडुलजी से पक्ष लेने की कोशिश की गई तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

हालांकि इस बैठक के बाद फिर से नाइकी की जर्सी पर सवाल उठा। पहले वनडे के दौरान पुरुष टीम ने उन्हें मिली जर्सी के स्तर पर सवाल उठाए। बीसीसीआइ की तरफ से नाइकी से शिकायत की गई जिसके बाद टीम इंडिया को नई जर्सी दे दी गई। कंपनी को बीसीसीआइ के साथ करार गंवाने का डर था। इसको बचाने के लिए कंपनी ने अपने एक प्रतिनिधि को श्रीलंका भेजा और टीम इंडिया को नई जर्सी दी। बीसीसीआइ के सीईओ जौहरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी ने इस मामले को सीओए के सामने पहले ही रखा था।

नाइकी 2006 में भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक किट स्पॉन्सर बना था और तब से ही वह भारतीय क्रिकेट से जुड़ा हुआ है। हालांकि 2016 में नए करार के तहत वह 2020 तक बीसीसीआइ को किट प्रायोजक के तौर पर 370 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। इस बीच एक जनवरी, 2016 से 30 सितंबर, 2020 तक के करार के तहत नाइकी बीसीसीआइ को प्रत्येक मैच का 87,34,000 रुपये देगी। हालांकि अगर वर्तमान में यह करार रद हो जाता है तो बीसीसीआइ को करीब 280 करोड़ रुपये का नुकसान होता।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.