Move to Jagran APP

बीसीसीआइ से पहला विकेट गिरा, सीईओ राहुल जौहरी और सबा करीम भी हैं निशाने पर

रांगनेकर बीसीसीआइ के पहले सीएफओ थे और इस पद पर उनका तीन साल का कार्यकाल काफी विवादों से भरा रहा था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:01 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 09:36 PM (IST)
बीसीसीआइ से पहला विकेट गिरा, सीईओ राहुल जौहरी और सबा करीम भी हैं निशाने पर
बीसीसीआइ से पहला विकेट गिरा, सीईओ राहुल जौहरी और सबा करीम भी हैं निशाने पर

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के जाने और 23 अक्टूबर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में नए पदाधिकारियों के पद ग्रहण करने के बाद ही तय हो गया था कि अब बोर्ड में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। आलाकमान ने चुनाव से पहले ही बीसीसीआइ के भावी पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया था कि सभी को संदेश जाना चाहिए कि निजाम बदल गया है।

loksabha election banner

चुनाव के बाद बीसीसीआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी, मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) संतोष रांगनेकर और जीएम (क्रिकेट) सबा करीम को हटाने की बात की गई तो अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दीपावली के बाद फैसले लेने की बात कही थी। हाल ही में फिर आलाकमान के यहां पदाधिकारियों और बीसीसीआइ के पूर्व दिग्गजों की बैठक हुई जिसके तुरंत बाद रांगनेकर ने इस्तीफा दे दिया। ये बीसीसीआइ का पहला विकेट है और जल्द ही बोर्ड के कई और अधिकारी खुद इस्तीफा दे सकते हैं या उन्हें हटाया जा सकता है।

रांगनेकर बीसीसीआइ के पहले सीएफओ थे और इस पद पर उनका तीन साल का कार्यकाल काफी विवादों से भरा रहा था। बीसीसीआइ की शीर्ष परिषद के एक सीनियर सदस्य ने कहा, 'रांगनेकर ने आज (शुक्रवार को) अपना इस्तीफा भेज दिया है। जहां तक मुझे पता है, उन पर कोई दबाव नहीं था। उन्होंने खुद ही अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है।' ऐसा पता चला है कि रांगनेकर ने अपना इस्तीफा बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी को भेजा है। रांगनेकर उन वजहों से सुर्खियों में आए थे जिनका प्रबंधन से कोई संबंध नहीं था।

प्रशासकों की समिति (सीओए) ने रांगनेकर को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ बही खातों (खातों का निपटारा) के लिए ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने की अनुमति दी थी, जिस पर यह सवाल उठा था कि जब ऑस्ट्रेलिया जाए बिना ही खातों का निपटारा किया जा सकता था तो उनकी यात्रा के खर्च को मंजूरी क्यों दी गई। उन्होंने पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी के खिलाफ भी शारीरिक रूप से धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। बीसीसीआइ में कई लोगों ने उनके इस दावे को काफी अपमानजनक करार दिया था, जिसका कोई आधार नहीं था।

एक सीनियर बीसीसीआइ अधिकारी ने कहा, 'एक बार जब सीओए ने सीएफओ को वित्तीय मामले सौंपे तो यह तो होना ही था। मैं नहीं जानता कि रांगनेकर का सलाहकार कौन था, लेकिन यह शिकायत दर्ज कराना गलत था, जो निराधार था। नई टीम के आने के बाद वह पूछे गए कई सवालों का जवाब नहीं दे सके। शायद इसलिए उन्होंने सोचा कि इस्तीफा ही इनसे बाहर निकलने का एकमात्र तरीका है।' बोर्ड के एक पदाधिकारी ने बीसीसीआइ की पहली वार्षिक आम सभा (एजीएम) के पूर्व या उसके एक दिन बाद भी कई बड़े अधिकारियों का बोरिया-बिस्तरा बंध सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.