16 अप्रैल को होगी बीसीसीआइ शीर्ष परिषद की बैठक, हो सकते हैं अहम फैसले
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड 16 अप्रैल को होने वाली अपनी शीर्ष परिषद की बैठक में देश में टी-20 प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए कार्यकारी समूह गठित कर सकता है।बीसीसीआइ इसके अलावा भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप से पहले कर और वीजा मामलों पर भी फैसला ले सकता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। मंजूरी न मिलने के बावजूद बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किए जाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) 16 अप्रैल को होने वाली अपनी शीर्ष परिषद की बैठक में देश में टी-20 प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए कार्यकारी समूह गठित कर सकता है।
बिहार क्रिकेट संघ ने पिछले महीने लीग का आयोजन किया था। बीसीसीआइ ने लीग के बीच में बताया था कि वह आवश्यक मंजूरी के बिना टूर्नामेंट आयोजित कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद लीग नहीं रोकी गई थी। आइपीएल की सफलता के बाद देश भर में राज्यस्तरीय टी-20 लीग शुरू हो रही हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर भ्रष्टाचार के संदेह के दायरे में आई हैं जोकि बीसीसीआइ की नई भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के लिए चुनौती है।
रमन के कार्यकाल पर नजर :
बैठक के 14 सूत्रीय एजेंडा में भारतीय महिला टीम के सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति भी शामिल है। महिला टीम छह साल में पहली बार टेस्ट खेलने के लिए तैयार है। उसके इस साल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने की संभावना है। यह देखना होगा कि मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन के कार्यकाल को बढ़ाया जाता है या बीसीसीआइ इस पद के लिए नए आवेदन मंगवाता है। रमन को 2018 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
कर और वीजा मामलों पर होगी चर्चा : बीसीसीआइ इसके अलावा भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप से पहले कर और वीजा मामलों पर भी फैसला ले सकता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने हाल की बोर्ड बैठक में कहा था कि उसे उम्मीद है कि भारतीय बोर्ड इस महीने के आखिर तक आवश्यक वीजा गारंटी और करों में छूट हासिल कर लेगा।
घरेलू सत्र भी एजेंडा में :
इसके अलावा 2021-22 के घरेलू सत्र के आयोजन पर भी चर्चा होगी। पिछले सत्र में बीसीसीआइ ने महामारी के कारण 87 साल में पहली बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं किया था। इसके अलावा ओलंपिक 2028 में क्रिकेट को शामिल करने के आइसीसी के प्रयासों पर भी भारतीय बोर्ड अंतिम फैसला कर सकता है।
यदि वह क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने का समर्थन करता है तो इसके लिए उसे अपनी स्वायत्तता छोड़नी पड़ सकती है और वह राष्ट्रीय खेल महासंघ बन सकता है। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद को भी मान्यता प्रदान की जा सकती है।