आजाद का वार..क्या बीसीसीआइ कानून से ऊपर है?
नई दिल्ली। राजनेता व पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने एक बार फिर बीसीसीआइ को घेरा है। स्पॉट फिक्सिंग व संट्टेबाजी के मामले में बीसीसीआइ अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन व उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स, कंपनी इंडिया सीमेंट्स व उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन सहित राजस्थान रॉयल्स टीम और उसके सह मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दिए जाने पर आजाद ने सवाला किया ह
नई दिल्ली। राजनेता व पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने एक बार फिर बीसीसीआइ को घेरा है। स्पॉट फिक्सिंग व संट्टेबाजी के मामले में बीसीसीआइ अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन व उनकी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स, कंपनी इंडिया सीमेंट्स व उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन सहित राजस्थान रॉयल्स टीम और उसके सह मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दिए जाने पर आजाद ने सवाला किया है कि क्या बीसीसीआइ कानून से भी ऊपर है?
आजाद ने कहा, 'मैं जगमोहन डालमिया या फिर श्रीनिवासन पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। राजनेता पूरी तरह से बीसीसीआइ को भी दूसरा भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) बनाने की राह पर है। हम देख चुके हैं कि राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से आइओए का क्या हाल हुआ, और अब यही बीसीसीआइ के साथ भी हो रहा है। मुंबई पुलिस ने कहा है कि जांच अभी जारी है। दिल्ली पुलिस की जांच भी अभी जारी है और उधर बीसीसीआइ ने सबको क्लीन चिट दे दी। क्या बीसीसीआइ कानून और देश के संविधान से भी ऊपर है?'। आजाद के मुताबिक बीसीसीआइ को तुरंत आरटीआइ के नीचे लाया जाए। आजाद ने कहा, 'कोई दूसरा चारा नहीं है। सरकार को हस्तक्षेप करना होगा और बीसीसीआइ को आरटीआइ के अंदर लाना होगा। जब पूर्व खेल मंत्री अजय माकन खेल बिल लेकर आए तब बीसीसीआइ से जुड़े कैबिनेट मंत्रियों ने इसका विरोध किया। अगर बीसीसीआइ अपने अकाउंट का ऑडिट करती है तो वह आरटीआइ के नीचे आने में हिचकिचा क्यों रहे हैं? बीसीसीआइ की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के लिए उसे आरटीआइ में लाना जरूरी हो गया है। जब भी ऐसा कुछ होता है खिलाड़ियों पर आरोप लगाकर अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी जाती है। यह गलत है क्योंकि खिलाड़ियों की मेहनत और लगन की वजह से ही क्रिकेट आज देश का सबसे लोकप्रिय खेल बना हुआ है।'
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