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भारत का छठा ऑस्ट्रेलिया दौरा: शास्त्री ने लगाया था दोहरा शतक तो कपिल ने लिया टेस्ट का 400वां विकेट

भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का छठा दौरा 1991-92 में किया

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:42 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 06:42 PM (IST)
भारत का छठा ऑस्ट्रेलिया दौरा: शास्त्री ने लगाया था दोहरा शतक तो कपिल ने लिया टेस्ट का 400वां विकेट
भारत का छठा ऑस्ट्रेलिया दौरा: शास्त्री ने लगाया था दोहरा शतक तो कपिल ने लिया टेस्ट का 400वां विकेट

फ्लैश बैक : 1991/92

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भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का छठा दौरा 1991-92 में किया। इस बार भारतीय टीम मुहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने गई थी। ऑस्ट्रेलिया की टीम की कमान एलन बॉर्डर के हाथों में थी। यह सचिन तेंदुलकर का पहला ऑस्ट्रेलियाई दौरा था। हालांकि, भारतीय टीम के लिए यह दौरा निराशाजनक रहा और उसे सीरीज में 0-4 से शिकस्त मिली।

शास्त्री का दोहरा शतक :

ब्रिसबेन और मेलबर्न के शुरुआती दो टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने क्रमश: 10 विकेट और आठ विकेट से जीते। सिडनी के तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम हावी रही, लेकिन मेजबान टीम इसे ड्रॉ कराने में सफल रही। यह दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न का पदार्पण टेस्ट था। वह भारत की एकमात्र पारी में 150 रन लुटा कर सिर्फ रवि शास्त्री का विकेट ले सके। शास्त्री (206) ने इस टेस्ट में करियर का एकमात्र दोहरा शतक जड़ा। इस टेस्ट में तेंदुलकर (नाबाद 148) ने भी ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला शतक जड़ा। एडिलेड में सीरीज का चौथा टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने 38 रन से जीता। पर्थ का पांचवां और अंतिम टेस्ट भी ऑस्ट्रेलिया ने 300 रन के विशाल अंतर से अपने नाम किया।

कुछ यादगार मौके :

पर्थ टेस्ट हार के बावजूद भारत के लिए उपलब्धि वाला रहा। यहां बाउंसी पिच पर तेंदुलकर (114) ने बेहतरीन शतक जड़ा और कपिल देव ने दूसरी पारी में मार्क टेलर को एलबीडब्ल्यू आउट कर अपना 400वां टेस्ट विकेट हासिल किया। इस टेस्ट में एक और खास रिकॉर्ड बना। पूरे टेस्ट में कुल 36 विकेट गिरे, जिनमें से 33 कैच आउट हुए। एक टेस्ट में सबसे ज्यादा कैच आउट होने का यह रिकॉर्ड इस साल की शुरुआत में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए टेस्ट में टूटा। यह वही टेस्ट है जो गेंद से छेड़छाड़ की वजह से विवादों में रहा और जिसके बाद स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरन बेनक्राफ्ट पर प्रतिबंध लगा।

सबसे सफल खिलाड़ी :

इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून (556) ने सर्वाधिक रन बनाए, जबकि भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर (368) ने सबसे ज्यादा रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के मार्क टेलर (422) और डीन जोंस (310), जबकि भारत के रवि शास्त्री (300) भी सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की दौड़ में शामिल रहे। सबसे ज्यादा विकेट ऑस्ट्रेलिया के क्रेग मैकडरमॉट (31) ने लिए, जबकि भारत की ओर से कपिल देव (25) सबसे सफल गेंदबाज रहे।

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