टेस्ट मैच में इस्तेमाल हो रही एसजी गेंद से बेहद नाखुश हैं अश्विन
भारत ने दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भले ही दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी को 214 रनों पर समेट दिया, लेकिन दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन मैच में उपयोग में लाई जा रही गेंद से नाखुश नजर आए। अश्विन ने कहा कि एसजी टेस्ट गेंद की क्वालिटी अब पहले के
बेंगलुरू। भारत ने दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भले ही दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी को 214 रनों पर समेट दिया, लेकिन दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन मैच में उपयोग में लाई जा रही गेंद से नाखुश नजर आए। अश्विन ने कहा कि एसजी टेस्ट गेंद की क्वालिटी अब पहले के समान नहीं रह गई, इसी वजह से वे कुकुबूरा गेंद को प्राथमिकता देना पसंद करेंगे।
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में शनिवार को टेस्ट के पहले दिन दर्शकों को रिजर्व अंपायर (चौथे अंपायर) सीके नंदन को कई बार देखने का मौका मिला। वर्तमान समय में गेंद का आकार खराब होने या गेंद गुम हो जाने की स्थिति में रिजर्व अंपायर ही गेंद का डिब्बा लेकर मैदान में जाता है। नंदन दूसरे टेस्ट के पहले दिन तीन बार मैदान में पहुंचे। उन्हें दक्षिण अफ्रीका की पारी में दो बार तथा भारत की पारी में एक बार मैदान में जाना पड़ा।
भारत में टेस्ट मैचों में 'एसजी टेस्ट गेंद' उपयोग में लाई जाती है जबकि इंग्लैंड और अब वेस्टइंडीज को छोड़कर दुनिया के अन्य देशों में कुकुबूरा गेंद उपयोग में लाई जाती है। पारंपरिक रूप से स्पिनर्स कुकुबूरा की बजाए एसजी टेस्ट गेंद को ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि उसकी सीम ज्यादा चौड़ी होती है।
अश्विन ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल के बाद स्वीकारा कि पिछले कुछ समय से एसजी टेस्ट गेंद की क्वालिटी पहले के समान नहीं रह गई है। इसका आकार बहुत जल्दी खराब होने लगा है और अब इसकी सीम भी पहले के समान नहीं रह गई है। उन्होंने कहा- मैं किसी अन्य ब्रांड का नाम लेकर मुश्किल में नहीं पड़ना चाहता हूं, लेकिन मेरा मानना है कि 5-6 वर्ष पहले एसजी टेस्ट गेंद जैसे हुआ करती थी, अब वैसी नहीं रह गई है। आकार जल्दी खराब होने की वजह से स्पिनर्स को आर्म गेंद डालने में मुश्किल हो रही है।
अश्विन ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन 70 रनों पर 4 विकेट लिए। एक अन्य भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा ने 50 रनों पर 4 विकेट झटके। इस तरह पहले दिन भारतीय स्पिनर्स ने 8 विकेट हासिल किए।