अश्विन और यासिर में है मेरा रिकॉर्ड तोड़ने की काबिलियत: मुरलीधरन
मुथैया मुरलीधरन का कहना है कि आर अश्विन और यासिर शाह उनका रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। मुरलीधरन का मानना है अश्विन और यासिर में 800 विकेट लेने की काबिलियत है।
नई दिल्ली। श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर और चेन्नई सुपरकिंग्स में आर अश्विन के साथ खेलने वाले मुथैया मुरलीधरन का कहना है कि आर अश्विन और यासिर शाह उनका रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। अश्विन पिछले 12 महीने से शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। वहीं पाकिस्तानी स्पिनर यासिर शाह भी अपनी घूमती गेंदों से कहर बरपा रहे हैं।
अश्विन और यासिर शाह तोड़ सकते है रिकॉर्ड
न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में अश्विन ने सबसे तेजी से 200 विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में मुरलीधरन को पीछे छोड़ दिया। अश्विन ने 37 टेस्ट मैचों में यह मुकाम हासिल किया वहीं श्रीलंकाई स्पिनर ने 42 टेस्ट मैचों में 200 विकेट पूरे किए थे। मुरलीधरन का कहना है कि अश्विन आज जिस मुकाम पर हैं उनमें हमेशा से वहां पहुंचने की खूबियां मौजूद थीं। मुरली ने कहा कि अश्विन का बेसिक ठीक था। वह लगातार सीखना चाहते थे और अपने हुनर को मांझने में लगे रहते थे। दूसरी बात, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी भी दूसरे अन्य गेंदबाज की तरह अश्विन ने भी विकेट लेने के लिए संयम की कला विकसित की है। बल्लेबाज को आउट करने के लिए वह अपना समय निवेश करने के लिए तैयार हैं।'
'दोनों गेंदबाज़ों में है 800 विकेट लेने का माद्दा'
इसके साथ ही मुरली का कहना है कि अश्विन और पाकिस्तानी लेग स्पिनर यासिर शाह के पास 800 टेस्ट विकेट के उनके रिकॉर्ड को तोडऩे का माद्दा है। उन्होंने कहा, 'रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए हैं। मुझे लगता है कि अगर मौजूदा फॉर्म को देखें तो अश्विन और यासिर दोनों मेरे रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं। वहां पहुंचना इस बात पर निर्भर करेगा कि उनका करियर कितना लंबा चलता है तथा उनकी फिटनेस और फॉर्म कैसी रहती है।
'विदेशों में भी विकेट लेना सीख जाएंगे अश्विन'
मुरली को लगता है कि भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर अश्विन का रिकॉर्ड समय के साथ-साथ बेहतर होता जाएगा। उन्होंने कहा, 'मुझे काउंटी क्रिकेट खेलने का मौका मिला इससे मुझे वहां की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने का मौका मिला। और फिर जब मैं इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेला तब मुझे इस बात का अंदाजा था कि आखिर किस एरिया में गेंदबाजी करनी है। अश्विन भी ऐसी पिचों पर गेंदबाजी करने की कला सीख जाएंगे जो परंपरागत रूप से तेज गेंदबाजों को मदद करती हैं।