एलिएस्टर कुक को 33 शतक के बदले मिलीं 33 बीयर की बोतलें
कुक की विदाई को खास बनाने के लिए इंग्लिश मीडिया ने उन्हें बड़े ही खास अंदाज में फेयरवेल दिया।
लंदन। इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज एलिएस्टर कुक ने अपने करियर के आखिरी टेस्ट में 33वां शतक जड़ा। उनकी विदाई को यादगार बनाने के लिए इंग्लिश मीडिया ने उन्हें बड़े ही खास अंदाज में फेयरवेल दिया। इंग्लिश मीडिया ने कुक को टेस्ट मैच के चौथे दिन 33 बीयर की बोतलें तोहफे में दीं। ऐसा इसलिए क्योंकि 33 वर्षीय कुक ने अपने आखिरी टेस्ट मैच में 33वां शतक लगाया। इस बड़े रिकॉर्ड के लिए इंग्लिश मीडिया ने कुक को 33 बीयर की बोतलें गिफ्ट कीं।
ये बीयर की बोतलें अलग-अलग ब्रैंड की हैं और इन पर अलग-अलग पत्रकारों की तरफ से अलग-अलग मैसेज लिखा गया है। मीडिया के साथ इस मुलाकात के दौरान कुक थोड़े भावुक भी हो गए। एक पत्रकार ने कहा कि आप वर्षो से इंग्लैंड के लिए एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में जो कुछ भी कर चुके हैं, पूरी मीडिया उसकी सराहना करती है, विशेष रूप से जिस तरह से आपने हमारे साथ व्यवहार किया। बहुत उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन आपने हमारे साथ बहुत पेशेवर तरीके से व्यवहार किया। हम सिर्फ आपकी प्रशंसा करना चाहते हैं। आपने मुझसे एक बार कहा था कि आप शराब पीने वाले नहीं हैं, लेकिन आप एक बीयर मैन हैं। तो हम आपको 33 बीयर की बोतलें दे रहे हैं। हर बीयर पर मीडिया के प्रत्येक सदस्य की तरफ से एक छोटा मैसेज है।
इस गिफ्ट के लिए कुक ने सभी पत्रकारों को धन्यवाद कहा। वह प्रेस कांफ्रेंस में बैठे एक-एक पत्रकार से व्यक्तिगत तौर पर आकर मिले। कुक ने साल 2006 में भारत के खिलाफ ही अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
मैं विदेश में गेंदबाजी करना सीख गया : शमी
लंदन : भारतीय तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी ने कहा है कि उन्होंने विरोधी तेज गेंदबाजों स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के वीडियो देखकर समझा है कि इंग्लैंड के हालात का फायदा कैसे उठाया जाए और उन्होंने विदेशी सरजमीं पर गेंदबाजी करते हुए प्रभाव छोड़ना सीख लिया है। दक्षिण अफ्रीका में प्रदर्शन में निरंतरता की कमी और फिर निजी समस्याओं से उबरते हुए शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में प्रभावी गेंदबाजी करते हुए पांच टेस्ट में 16 विकेट चटकाए।
शमी ने कहा, 'अगर आप इस दौरे पर मेरे प्रदर्शन की तुलना 2014 के दौरे से करते हो तो मेरे अंदर काफी सुधार हुआ है। कुल मिलाकर हम सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया। मैंने काफी कुछ सीखा है, विशेषकर यह कि घर से बाहर गेंदबाजी कैसे करनी है, आपकी एकाग्रता कैसी होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैंने काफी कुछ सीखा है। जब मैं 2014 में यहां आया था तो मैं इतना अनुभवी नहीं था। मैं परिपक्वभी नहीं था। इस बार मैंने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के गेंदबाजी करते हुए वीडियो देखे। मैंने देखा कि इन हालात में वे किन स्थानों पर गेंदबाजी करते हैं। मुझे काफी सीखने को मिला।'
इस तेज गेंदबाज ने पांचवें और अंतिम टेस्ट की दोनों पारियों में शानदार गेंदबाजी की, लेकिन सफलता उनसे दूर रही। शमी पहली पारी में 72 रन देकर एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 110 रन देकर दो विकेट चटकाए। शमी ने कहा, 'कुछ चीजें भाग्य पर भी निर्भर करती हैं। जब आप गेंदबाजी करते हो तो आपका लक्ष्य अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करना होता है। आपको विकेट मिलता है या नहीं, यह भाग्य पर निर्भर करता है। बेशक यह हताशा भरा है कि कई बार बल्लेबाज को छकाने के बावजूद विकेट नहीं मिला, लेकिन कोई बात नहीं।' भारतीय टीम को चौथे दिन इशांत शर्मा के बिना गेंदबाजी करनी पड़ी जो सिर्फ एक ओवर फेंकने के बाद टखने में चोट के कारण मैदान से बाहर चले गए। इससे शमी और साथी गेंदबाजों पर अतिरिक्त भार आ गया। उन्होंने कहा, 'आपके पास एक गेंदबाज कम हो तो स्थिति मुश्किल हो जाती है, विशेषकर इन हालात में जब तेज गेंदबाज के रूप में आपको गेंदबाजी करनी होती है। भार अधिक होता है, लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा होता है। कभी-कभी गेंदबाज असहज महसूस करता है और चोट से बचने के लिए बाहर चला जाता है। यह ठीक है। हम गेंदबाजों के बीच आपसी समझ अच्छी है।'