टॉस के लिए मैदान पर पहुंचीं 3 कप्तान, मैच के बाद सामने आई ये बड़ी वजह
रविवार को ऑस्ट्रेलियाई और श्रीलंकाई महिला टीम के बीच हुए पहले टी20 मैच में टॉस के लिए मैदान पर 3 कप्तान पहुंच गईं।
नई दिल्ली, जेएनएन। आप यकीन करेंगे कि दो टीमों के बीच एक क्रिकेट मैच में टॉस के लिए तीन कप्तान पहुंच गए। शायद आप यकीन ना करें। लेकिन, यह सच है और यह हुआ ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की महिला टीम के बीच रविवार को सिडनी के ओवल में अंतरराष्ट्रीय टी-20 सीरीज के पहले मैच में।
दरअसल, टीम शीट पर ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लेनिंग थीं, जबकि टॉस के लिए मेग लेनिंग के साथ टॉस कप्तान के रूप में एलिसा हिली मैदान पर गईं। अब मैदान पर तीन कप्तान थीं। श्रीलंका की कप्तान चमारी अटापट्टू के साथ ऑस्ट्रेलिया की कप्तान लेनिंग और हिली। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस भी जीता।
लेनिंग ने किया खुलासा
मेग लेनिंग ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वह टॉस के लिए दुर्भाग्यशाली साबित हो रही थीं। उन्होंने कहा कि टॉस में मेरा रिकॉर्ड काफी बुरा है। हो सकता है कि आपने नहीं सुना हो, लेकिन यह सच है। इसलिए मेरे साथ एलिसा आईं। उन्होंने टॉस किया और यह हमारे पक्ष में गया। लेनिंग इंग्लैंड के खिलाफ एशेज के दौरान सिर्फ दो बार टॉस जीत पाईं। इसके अलावा एक बार उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टॉस जीता था।
जहां तक मैच की बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रविवार को श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 61 गेंदों पर ताबड़तोड़ 113 रनों की पारी खेली। अपनी पारी में उन्होंने कुल 20 चौके लगाए। यह टी-20 मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा चौके लगाने का रिकॉर्ड है।
उनकी पारी की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवरों में चार विकेट पर 217 रन बनाए। उन्होंने सिर्फ 54 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। अपनी पारी में उन्होंने कोई भी छक्का नहीं लगाया। जवाब में श्रीलंकाई टीम सात विकेट पर 176 रन ही बना सकी। उनकी कप्तान अटापट्टू ने 113 रनों की पारी खेली लेकिन यह काफी नहीं था।
जब डु प्लेसिस की जगह टॉस के लिए आए डुमिनी
महिला क्रिकेट में भले ही ऐसा पहली बार देखने को मिला, लेकिन पुरुष क्रिकेट में ऐसा पहले भी हो चुका है। पिछले वर्ष अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका और जिंबाब्वे के बीच एक अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच में फाफ डुप्लेसिस की जगह जेपी डुमिनी टॉस के लिए आए थे। हालांकि, डुमिनी उस मैच की अंतिम एकादश का हिस्सा भी नहीं थे।