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कुछ ऐसे अपने साथी बल्लेबाज पर दबाव बना देते हैं विराट कोहली

विराट हमेशा एक रन चुराने की कोशिश में रहते हैं। दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज पर इससे दबाव बनता है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 29 Sep 2017 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 30 Sep 2017 03:46 PM (IST)
कुछ ऐसे अपने साथी बल्लेबाज पर दबाव बना देते हैं विराट कोहली

 (गावस्कर का कॉलम) 

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बेंगलुरु वनडे ने यह बताया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम किस तरह से डेविड वार्नर के बड़े स्कोर पर निर्भर है। अपने सौवें वनडे में खेलते हुए वार्नर ने लाजवाब शतक लगाया और एरोन फिंच के साथ उनकी सलामी साझेदारी ने टीम के लिए 300 से अधिक रन हासिल करने की राह तैयार की। फिंच के शतक के बावजूद यह टीम अपने पिछले वनडे में ऐसा करने से चूक गई थी।     

फिंच की टीम में वापसी और वार्नर का धमाकेदार शतक, ये दो बातें ऐसी थीं जिनका ऑस्ट्रेलियाई टीम को इंतजार था। स्मिथ ने अभी तक सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की है, लेकिन तीन अंकों में पहुंचने में वे असमर्थ रहे, जो जीत और हार के बीच अंतर पैदा करता है। इसके बाद बल्लेबाजी क्रम में आने वाले बल्लेबाजों का पूरा सम्मान करते हुए मैं कहना चाहूंगा कि बाद के क्रम में कोई भी ऐसा नजर नहीं आता जिनकी बदौलत टीम आखिरी दस ओवरों में गेंदबाजों को निशाने पर लेते हुए 100 से अधिक रन कूटकर भारत से मैच छीन ले जाए। भारतीय बल्लेबाजी भी बहुत हद तक शीर्ष तीन बल्लेबाजों पर निर्भर है। अगर वे रन बनाने में नाकाम रहते हैं तो आगे आने वाले बल्लेबाज जूझते हुए नजर आते हैं। खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए जहां रनरेट गिरने का डर हमेशा ही बल्लेबाज के जेहन में बना रहता है।

केदार जाधव ने नए नवेले शॉट्स से भरी दिल को लुभाने वाली पारी खेली। लेकिन जीत की दहलीज वह पार नहीं करवा सके। शुरुआत में जब रहाणे और रोहित शर्मा प्रवाह में बल्लेबाजी कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि भारत कुछ ओवरों के शेष रहते ही जीत दर्ज कर लेगा। लेकिन जैसा कि वनडे मैचों में अकसर देखने में आता है कि एक नया बल्लेबाज बने हुए लय को बरकरार रखने में नाकाम रहता है, वह यहां भी हुआ। विराट कोहली ने दिखाया है कि वह तेजी से सीखते है, लेकिन यहां उन्होंने वही गलती दोहराई जिसकी वजह से वह ईडन गार्डेंस में शतक से चूक गए थे। विकेट के सामने वह शानदार स्ट्रोक खेलते हैं, ऐसे में थर्ड मैन की तरफ गेंद को धीरे से भेजने की उनकी रणनीति को समझना मुश्किल है, खासकर उस वक्त जब गेंद शरीर के बेहद करीब रहती है। वह हमेशा एक रन चुराने की कोशिश में रहते हैं। दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज पर इससे दबाव बनता है। यही कारण रहा कि जब उन्होंने गेंद को कट करके बैववर्ड प्वॉइंट की तरफ भेजा तो रोहित शर्मा तुरंत रन के लिए दौड़ पड़े। लेकिन स्मिथ ने एक शानदार डाइव से गेंद को रोककर किसी एक बल्लेबाज का रन आउट होना तय कर दिया। यह पहली बार नहीं था जब ये दो बल्लेबाज ऐसी स्थिति में फंसे हों। दोनों के पास कई तरह के शॉट्स हैं। वे जाया गई गेंदों की भरपाई करने का माद्दा रखते हैं, ऐसे में दोनों को ही वैसे रन चुराने से बचना चाहिए जहां रन आउट होने की थोड़ी सी भी गुंजाइश हो। इस रन आउट ने मैच को मेहमान टीम की ओर मोड़ दिया और फिर उन्होंने पांड्या और जाधव के साहसिक प्रयास के बावजूद मैच पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी। नागुपर की पिच बल्लेबाजों के मुफिद होगी और वार्नर के फॉर्म में लौटने के बाद से ऑस्ट्रेलियाई टीम की नजर यह मैच भी जीतकर सीरीज का सकारात्मक अंत करने पर होगी। 

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