IND vs WI: पृथ्वी शॉ ने चुरा ली कप्तान कोहली की गर्जना
पृथ्वी शॉ ने निश्चित रूप से बाजी मार ली। उन्हें पदार्पण मैच में शतक लगाते देखना वाकई सुखद अहसास रहा।
(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)
एक अच्छे बल्लेबाजी ट्रैक पर भारत भी चौंक गया होगा कि कैसे उन्होंने पहले टेस्ट मैच में विंडीज को एकदम नर्म कर दिया। विराट एंड कंपनी राजकोट में एक कठोर मैच की उम्मीद कर रही होगी, लेकिन विंडीज चुनौती देने में सफल नहीं हो सका। घरेलू टीम के ऑलराउंड प्रदर्शन के आगे उन्होंने घुटने टेक दिए। यह अक्सर नहीं होता है कि विराट का टेस्ट शतक छाया में रहा हो। एक कप्तान का शतक, उनकी पिच पर गर्जना को 18 वर्ष के पदार्पण खिलाड़ी ने चुरा लिया।
पृथ्वी शॉ ने निश्चित रूप से बाजी मार ली। उन्हें पदार्पण मैच में शतक लगाते देखना वाकई सुखद अहसास रहा। यह युवा खिलाड़ी मौके और मंच से अभिभूत नहीं हुआ और प्रभावी, आक्रामक माइंड सेट से वैसा ही खेला जैसा वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलता है। वह अपने चरित्र के अनुसार खेला। युवा अवस्था में ही वह अपने खेल को बहुत बेहतर तरीके से समझता है।
वह जैसे-जैसे बड़ा होगा वह बेहतर होता जाएगा और लंबी दौड़ लगाएगा। मैं रवींद्र जडेजा के प्रदर्शन से भी प्रभावित हुआ। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बड़े स्कोर बनाए हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अर्धशतक लगाए हैं। यह शतक उनमें आत्मविश्वास भरेगा और यह उनके घरेलू मैदान पर आया, जो उनके लिए अनमोल लम्हा भी होगा। पिछले कुछ सप्ताह इस ऑलराउंडर के लिए बेहतरीन रहे हैं और वह आगे भी बेहतर करना चाहेंगे क्योंकि अगले कुछ महीने में बड़ी सीरीज होनी है।
एक बड़ी टीम की निशानी अपनी योजनाओं पर बने रहना होती है, इससे फर्क नहीं पड़ता है कि विरोधी कौन है। भारत ने तब भी अपने पैर पीछे नहीं खींचे जब विंडीज ऐसा कर पाने में कामयाब नहीं हो सकी, जो एक अच्छी निशानी है। पहली पारी में तेज गेंदबाज शानदार रहे और अश्विन-जडेजा को विकेट लेते देखने में कोई आश्चर्य नहीं हुआ, जब विकेट से उन्हें मदद नहीं मिल रही हो, लेकिन वह कुलदीप यादव थे जो तारीफ के काबिल रहे। वह पहली पारी में जरूर जूझते दिखाई दिए।
जाहिर है लॉर्ड्स टेस्ट से उनका आत्मविश्वास कम हुआ होगा। इसका श्रेय विराट कोहली को देना होगा जिन्होंने उन पर भरोसा दिखाया। कुलदीप ने इसके बाद दूसरी पारी में पहली बार टेस्ट क्रिकेट में पांच विकेट लिए, जो एक शतक के बराबर है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह सिर्फ पहला था अभी और आने बाकी हैं।