धवन ने बल्ले से दिया आलोचकों को जवाब
चौथे वनडे मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए लक्ष्य का पीछा करते हुए लडख़ड़ा गई। लेकिन आखिर के करीब 12 ओवर फेंके जाने के पहले उन्होंने बल्लेबाजी का वह नजारा पेश किया, जिसकी कल्पना सपने में ही की जा सकती है। पहले धवन और रोहित ने मिलकर गेंदबाजी
(गावस्कर का कॉलम)
चौथे वनडे मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए लक्ष्य का पीछा करते हुए लडख़ड़ा गई। लेकिन आखिर के करीब 12 ओवर फेंके जाने के पहले उन्होंने बल्लेबाजी का वह नजारा पेश किया, जिसकी कल्पना सपने में ही की जा सकती है। पहले धवन और रोहित ने मिलकर गेंदबाजी की धार को कुंद किया और जब फॉर्म में चल रहे कोहली का धवन को साथ मिला तो बल्लेबाजी का वह स्तर दिखा जो कभी-कभार ही देखने को मिलता है। उन्हें रोकने वाला कोई नजर नहीं आ रहा था। दोनों ने जबरदस्त शॉट खेले और टीम को जीत की राह पर डाला। दुर्भाग्य से उनके आउट होने के बाद दूसरे बल्लेबाज पारी संभाल नहीं सके और भारत जीती हुई बाजी हार गया।
हाल के दिनों में देखा गया कि धवन धीमी शुरुआत कर रहे थे और इस कारण टीम में उनकी जगह को लेकर भी सवाल उठने लगे थे। अंगुली उठाने वाले लोग यह भूल गए कि उन्होंने औसतन हर आठवीं पारी में शतक जड़ा है, जो वनडे के स्तर से वास्तव में शानदार है। विराट कोहली भी शानदार फॉर्म में हैं और उनकी पारी यह दर्शाती है कि वह परिस्थितियों के साथ टीम की जरूरत से अच्छी तरह से वाकिफ थे। पिछले मैच में शतक लगाने के बाद जो आत्मविश्वास उन्होंने हासिल किया था वह पहली गेंद से ही नजर आया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मनमाफिक तरीके से खेला। मैंने भारत के लिए अपना पहला वनडे मैच 1974 में खेला और उसके बाद से भारत ने जितने भी वनडे मैच खेले मैंने उनमें से ज्यादातर देखे हैं। मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि कोहली की यह पारी बहुत ही उच्च स्तर की पारी थी। अगर सर्वश्रेष्ठ पारियों की बात करूं तो 1983 विश्व कप में कपिल देव द्वारा खेली गई 175 रन की यादगार पारी से यह पारी कुछ ही दर्जा नीचे है।