संत क्रिकेटर का संन्यास
सचिन तेंदुलकर अपने पहले प्यार क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। मुझे नहीं लगता है कि इस समय स्पोर्ट्स की इससे बड़ी कोई खबर हो सकती है। वह भारतीय क्रिकेट की बहुमूल्य धरोहर और विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े दूत थे और रहेंगे। आपको इस महान खिलाड़ी के खिलाफ एक भी विवाद ढूंढे नहीं मिलेगा। सचिन ने हमेशा अपने बल्ले से जवाब दिय
[किरण मोरे]
सचिन तेंदुलकर अपने पहले प्यार क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। मुझे नहीं लगता है कि इस समय स्पोर्ट्स की इससे बड़ी कोई खबर हो सकती है। वह भारतीय क्रिकेट की बहुमूल्य धरोहर और विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े दूत थे और रहेंगे। आपको इस महान खिलाड़ी के खिलाफ एक भी विवाद ढूंढे नहीं मिलेगा। सचिन ने हमेशा अपने बल्ले से जवाब दिया है और यही खासियत उन्हें असाधारण बनाती है।
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सचिन के संन्यास की खबर सुनते ही..
सचिन तेंदुलकर ने दूसरे लोगों के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है। हर क्रिकेटर को उनकी उस दृढ़ता, समर्पण और कड़ी मेहनत से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसके बूते उन्होंने कामयाबी के शिखर छुए। मुझे नहीं लगता है कि अगले 100 साल में उनकी क्षमता और योग्यता का कोई दूसरा शख्स इस धरती पर नजर आएगा।
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यादगार विदाई, लेकिन सचिन की परछाई में दबी रही दीवार
उन्होंने बहुत कम उम्र में 1989 में भारतीय टीम में पदार्पण किया। टीम में मैं उनका सीनियर था। वह बहुत मासूम और शर्मीले थे। पाकिस्तान के उस दौरे में हम दोनों होटल के एक ही रूम में ठहरे थे। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन को नींद में चलने की बीमारी थी। हमारे कमरे के सामने टेरेस था, जिसमें कोई दीवार नहीं थी। इसलिए हम सभी सचिन की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित थे। मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखता था कि सचिन रात को बाहर न जा पाएं।
मैं अब कभी क्रिकेट नहीं देखूंगा
सचिन की पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) में खेली गई पारी मेरे दिल के बेहद करीब है। हमने 100 रन की बेहद अहम पारी खेली। मैं दूसरे छोर से उन्हें चमत्कारी शॉट लगाते देखता था। उनकी पारी देखकर एलन बॉर्डर, स्टीव वॉ और डीन जोंस जैसे दिग्गज भी अवाक हो गए थे। सचिन की सबसे बड़ी खूबी उनकी विनम्रता है। वह पैर हमेशा जमीन पर रखते हैं। वह बहुत अनुशासित हैं। यही वजह है कि उन्हें क्रिकेट का 'भगवान' कहा जाता है।
[टीसीएम]
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सचिन के संन्यास पर प्रतिक्रियाएं
'भारत ने सबसे बड़े खिलाड़ी की विदाई का समारोह मनाना शुरू कर दिया है।' -द टेलीग्राफ, लंदन
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'दक्षिण एशिया की सबसे विख्यात और दुनिया की सबसे लोकप्रिय खेल हस्तियों में से एक सचिन से ऐसे फैसले की उम्मीद की जा रही थी।' -द गार्जियन, लंदन
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'दुनिया के सबसे सम्मानीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अपने 200वें मैच के बाद रिटायर होंगे।' -सिडनी मार्निग हेराल्ड, ऑस्ट्रेलिया
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'क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर का योगदान अतुलनीय है। उम्मीद है कि मास्टर ब्लास्टर संन्यास के बाद भी क्रिकेट से जुड़े रहेंगे और भारतीय क्रिकेट का मार्गदर्शन करेंगे। सचिन को 200वें टेस्ट मैच के लिए शुभकामनाएं। क्रिकेट के मैदान में निश्चित रूप से सचिन की कमी खलेगी। वह किंवदंती खिंलाड़ी हैं।' -जगमोहन डालमिया, पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष
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'सचिन अद्वितीय खेल आइकन रहे हैं, जिन्होंने हमेशा भारतीयों और खिलाड़ियों कोच्खच्ल मेंच्अच्छा करने के लिए प्रेरित किया है। भविष्य के लिए सचिन को शुभकामनाएं।' -जितेंद्र सिंह, खेल मंत्री
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'सचिन हमेशा बेमिसाल खिलाड़ी रहे। मैं उनकी तुलना किसी और से नहीं कर सकता।' -शाहिद आफरीदी (पाक, क्रिकेटर)
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