तो क्या लोकेश राहुल तीसरे टेस्ट में कर सकते हैं भारतीय टीम के लिए विकेटकीपिंग
लोकेश राहुल तीसरे टेस्ट में विकेटकीपिंग के लिए विकल्प बन सकते हैं।
(गावस्कर का कॉलम)
भारत और दक्षिण अफ्रीका जब वांडरर्स में होने वाले तीसरे व अंतिम टेस्ट में आमने-सामने होंगे तो भारतीय टीम ब्लैकवॉश से बचने की कोशिश करते हुए सम्मान के लिए मैदान में उतरेगी। सबसे पहली बात, यह भारतीय टीम हमेशा अपने देश के सम्मान के लिए खेली है और मैदान में अपना शत-प्रतिशत दिया है। उनकी प्रतिभा को लेकर भी कोई शक नहीं है। हालांकि, उनके बल्लेबाजों के धैर्य को लेकर परेशानी है और गेंदबाजों के मौके देने के बावजूद समर्पण कर दिया। गेंदबाजों ने गर्मी में भी पूरे दिल से गेंदबाजी की, लेकिन फील्डरों से उन्हें भरपूर साथ नहीं मिला। इससे निचले क्रम के बल्लेबाजों ने छोटी-छोटी साझेदारी कर प्रोटियास को अतिरिक्त रन बनाने का मौका दे दिया।
इन्हीं रनों ने काफी अंतर पैदा कर दिया। यह सही है कि न्यूलैंड्स, केपटाउन में बल्लेबाजी के लिए पिच अच्छी नहीं थी। कोहली और डीविलियर्स जैसे बल्लेबाजों को भी यह नहीं पता चल पा रहा था कि गेंद किस ओर जाएगी। सेंचुरियन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के आखिरी दो दिनों में पिच में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। इसलिए यहां 250 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल था और अंत में हुआ भी ऐसा ही।
तो वांडरर्स में तीसरे व अंतिम टेस्ट में क्या होगा? माना जा रहा है कि यह दक्षिण अफ्रीका की सबसे तेज और उछालभरी पिच होगी और दर्शक भी मेहमान टीम के खिलाफ तंज कसने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजी को मजबूत होने की जरूरत है और अब तक कोहली को छोड़कर कोई बल्लेबाज नहीं चला है। यह साफ है कि विदेशी दौरे पर पांच बल्लेबाजों के साथ खेलने की रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही है।
दक्षिण अफ्रीका केशव महाराज को बाहर कर पूरी तरह से तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरने की योजना बना रहा है। ऐसे में बेहतर रहेगा कि भारत अंजिक्य रहाणे को टीम में शामिल करे और राहुल से विकेटकीपिंग कराए। यह एक बड़ा जोखिम है, लेकिन पिछले सत्र में तमिलनाडु के लिए कार्तिक ने भी सभी मैचों में विकेटकीपिंग नहीं की है।
भारत अश्विन की जगह एक और तेज गेंदबाज को खिला सकता है और पांड्या पांचवें गेंदबाज की कमी पूरी करेंगे। यहां बारिश होने का भी अनुमान है, ऐसे में स्पिनर्स के लिए यहां बहुत कुछ नहीं होगा, लेकिन फिर भी पांच दिनों के खेल में स्पिनर के बिना उतरना एक बड़ा जोखिम होगा। सेंचुरियन में हमें टर्न देखने को मिली और हो सकता है कि वांडरर्स में भी थोड़ी बहुत स्पिन हो। भारत के लिए यह आखिरी मौका है जबकि दक्षिण अफ्रीका खुल जा सिमसिम कहना चाहेगा।