जसप्रीत बुमराह ने की जादुई गेंदबाजी: रवि शास्त्री
जसप्रीत बुमराह अंतिम दो ओवर में महज चार रन देकर हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले गए।
(शास्त्री का कॉलम)
टी-20 क्रिकेट के ऊंचे स्तर को देखते हुए ऐसे दृश्य आम नहीं हैं। जसप्रीत बुमराह अंतिम दो ओवर में महज चार रन देकर हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले गए। यही नहीं इस दौरान उन्होंने क्रीज पर जमे हुए दो बल्लेबाजों को मानों सम्मोहित कर पवेलियन लौटा दिया। यह उसी तरह तरह था, जैसे कोई जादूगर हैट से खरगोश निकालने का कारनामा करता है। इसके बाद से हम जादूगर की शक्तियों पर उसी तरह विश्वास करने लगे हैं, जैसे बचपन में करते थे।
बुमराह के जादुई प्रदर्शन के अलावा भारत को आशीष नेहरा के अनुभव का भी लाभ मिला। वह ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें अमूमन हम उनकी खराब फिटनेस के लिए जानते हैं। उन्हें अपनी बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण को लेकर भी कोई अभिमान नहीं है। वो ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जितने साल अंतरराष्ट्रीय करियर में गुजारे हैं उससे कम टेस्ट मैच खेले हैं। वो ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने फिर से अपने कप्तान का भरोसा हासिल किया और पूरी दुनिया को अपनी ओर देखने के लिए मजबूर किया।
ये दोनों खिलाड़ी रविवार को नागपुर में भारत की जीत के हीरो बने। लेकिन लोकेश राहुल का जिक्र न करना उसके साथ अन्याय होगा। राहुल की वजह से भारत इंग्लैंड को चुनौतीपूर्ण स्कोर दे पाने में सफल रहा। जब राहुल के खेल में निरंतरता आ जाएगी, निश्चित तौर पर भारतीय बल्लेबाजी की गहराई बढ़ जाएगी। फिलहाल उनकी प्रतिभा हमारे धैर्य की मोहताज है। उनका सकारात्मक पक्ष यह है कि अन्य बल्लेबाजों की तरह भड़कीला प्रदर्शन करने के बजाय उन्होंने खुद को समय देना बेहतर समझा।
सीरीज में एक-एक से बराबरी होने के बाद रोमांच बढ़ गया है। मेरी राय में बेंगलुरु में अनुभवी खिलाडिय़ों की जगह उनको मौका दिया जा सकता है जिन्हें अभी तक मौका नहीं मिला है। क्योंकि हमारी नजर सिर्फ इसी सीरीज पर न होकर भविष्य के लिए खिलाडिय़ों को तलाशने पर भी होनी चाहिए।