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एशिया कप खिताब जीतकर निराशा दूर करना चाहेगी भारतीय टीम

अगले साल होने वाले आइसीसी विश्व कप से पहले टीमों के पास एक अच्छे वार्म अप में हिस्सा लेने का मौका है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:27 PM (IST)
एशिया कप खिताब जीतकर निराशा दूर करना चाहेगी भारतीय टीम
एशिया कप खिताब जीतकर निराशा दूर करना चाहेगी भारतीय टीम

 गावस्कर का कॉलम :

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दुनिया भर में होने वाली टी-20 लीग की वजह से एशिया कप की चमक थोड़ी कम हो गई है। मगर यह नहीं भूलना चाहिए कि इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी देश महाद्वीप में अपना वर्चस्व साबित करने के लिए इस खिताब को जीतना चाहेंगे। मैं भाग्यशाली था जो शारजाह में खेले गए पहले एशिया कप में युवा भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर पाया और यह देखकर अच्छा लगा कि यह टूर्नामेंट फिर से यूएई लौट आया है। हालांकि, यह अजीब बात है कि शारजाह में एक भी मैच नहीं होगा। शारजाह में सीबीएफएस मैचों ने ही यूएई में क्रिकेट की लौ जलाई थी। ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि आखिर क्यों यहां पर एक भी मैच नहीं हो रहा है।

खैर छोड़िए, अगले साल होने वाले आइसीसी विश्व कप से पहले टीमों के पास एक अच्छे वार्म अप में हिस्सा लेने का मौका है। टीम जितने ज्यादा मैच खेलेगी, उतनी ही अच्छी उसकी तैयारियां होंगी और उन्हें अपनी कमियों के बारे में भी अच्छे से पता चल सकेगा, जिनमे वे विश्व कप से पहले सुधार कर सकती हैं। निश्चित तौर पर इंग्लैंड की परिस्थितियां यूएई की तुलना में बिलकुल अलग होंगी, लेकिन इन मैचों से टीम एकजुट हो सकती है। उन्हें पता चलेगा कि कौन सा खिलाड़ी दबाव झेल सकता है और किस में उतनी आग नहीं है, जो टीम को आगे ले जा सके।

आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता पाकिस्तान खिताब का दावेदार होगा, क्योंकि उसके पास ना सिर्फ एक संतुलित टीम है बल्कि एक तरह से वे अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं। वे यहां की पिचों और मौसम से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और ये चीजें हमेशा फायदा पहुंचाती हैं। पाकिस्तान निश्चित तौर पर अपने खिताबों में एशिया कप को जोड़ना चाहेगा। वे अपने चमत्कारी पूर्व कप्तान जो अब प्रधानमंत्री भी हैं, उन्हें यह तोहफा देना चाहेंगे। कप्तान दिनेश चांदीमल की अनुपस्थिति श्रीलंकाई टीम को खलेगी। इसी तरह बांग्लादेश की ओर से शाकिब अल हसन का खेलना तय नहीं है। हालांकि, दोनों टीमों के पास कई अनुभवी खिलाडि़यों के साथ-साथ युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं, जो अंतर पैदा कर सकते हैं। यूएई की सूखी पिच पर उन्हें गेंदबाजी में कमी महसूस हो सकती है क्योंकि गेंद को यहां बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलेगी। हालांकि, उन्हें कम करके नहीं आंकना चाहिए क्योंकि गेंदबाजी की भरपाई करने के लिए उनके पास विस्फोटक बल्लेबाज हैं। क्वालीफायर टीमों के पास भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा मौका है। अगर ये टीमें बेखौफ होकर खेलती हैं, तो उलटफेर कर सकती हैं।

भारत की क्या स्थिति है? इंग्लैंड में एक और शर्मनाक हार के बाद वे निराश हैं। खासतौर से बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद यह परिणाम सामने आया। अब वे प्रशंसकों के लिए एशिया कप जीतकर इसकी भरपाई करना चाहेंगे। साथ ही भारतीय टीम एशिया कप का खिताब जीतकर इंग्लैंड में मिली हार की निराशा दूर करना चाहेगी। हालांकि यह आसान नहीं होगा क्योंकि अन्य टीमों ने भी उनकी कमजोरियों को देखा होगा और वे इस पर हमला करेंगी। भारत बहुत हद तक वनडे के शानदार खिलाड़ी रोहित शर्मा पर निर्भर हैं। मार्गदर्शन के लिए उनके पास एकमात्र एमएस धौनी हैं, जो यूएई की रेतिली गर्मी में भी शांत रह सकते हैं। यही काम टीम के बाकी खिलाडि़यों को भी करना है, खासतौर से तब जब आपका मनोबल नीचा हो।

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