भारतीय टीम को खुद में विश्वास रखना चाहिए, मिल सकती है जीत
जीत के लिए भारतीय टीम को खुद पर विश्वास होना चाहिए।
(गावस्कर का कॉलम)
अब तक यह एक शानदार टेस्ट मैच रहा है। किसी भी टीम का पलड़ा भारी नहीं है। दोनों टीमों के गेंदबाज और बल्लेबाजों के लिए भी ऐसा ही है। हां, मैच के दौरान कुछ ऐसा समय था, जब बल्लेबाजी अच्छी हो रही थी, खासतौर से जब भारत के लिए विराट कोहली और दक्षिण अफ्रीका के लिए एबी डिविलियर्स बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन इस पिच पर कोई भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। कोहली के शानदार शतक से भारत इस मैच में बना रहा और टीम दक्षिण अफ्रीका के स्कोर के पास पहुंच सकी। यह एक शानदार टेस्ट शतक था। इसमें सब कुछ था। तकनीक, धैर्य, मजबूत डिफेंस और ढेर सारे दर्शनीय स्ट्रोक्स। अगर दूसरी नई गेंद लेने के वक्त अच्छी बल्लेबाजी कर रहे अश्विन जल्दबाजी नहीं करते तो भारत बढ़त भी हासिल कर सकता था।
अश्विन अपनी गेंदबाजी को लेकर हर रोज काफी दिमाग लगा रहे हैं, लेकिन उसका थोड़ा सा भी हिस्सा अपनी बल्लेबाजी पर लगा लें तो बड़ी पारियां खेल पाएंगे। आखिर कितनी बार वह ऑफ स्टंप पर उठती हुई गेंद पर आउट होंगे? वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके चार शतक हैं, लेकिन उनके पास एक भी स्विंग गेंदबाज नहीं है, जो अश्विन को बाहर बल्ला घुमाने के लिए ललचाए। अगर वह अपने आउट होने के तरीकों की समीक्षा करेंगे तो उन्हें महसूस होगा कि गेंदबाज से ज्यादा उन्होंने खुद अपना विकेट गंवाया है।
भारत ने तीसरे दिन की बेहतरीन शुरुआत की। कोहली और पांड्या अच्छे दिख रहे थे, लेकिन पांड्या ने दक्षिण अफ्रीका को बोनस विकेट दे दिया। क्रीज में बल्ले को न घसीटना या कैच लपकते समय तेज नहीं चिल्लाने को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। मगर भारतीय टीम में यह आम देखने को मिलता है और इसकी मूल जड़ युवा स्तर पर ही है। मुंबई क्रिकेट में इन चीजों का अभ्यास कराया जाता है और जब आप स्कूल में होते हैं, तो आप शायद ही किसी खिलाड़ी को ऐसी चूक करते देखेंगे।
भारत को यह विश्वास करना चाहिए कि वह इस मैच को जीत सकता है। अमला के विकेट को देखकर यह अंदाजा लगता है कि पिच में थोड़े उतार-चढ़ाव हैं। अमला की बल्लेबाजी के वक्त जहां गेंद नीचे रह गई, वहीं डीविलियर्स के सामने गेंद उठ गई। ऐसे में लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं होगा, लेकिन अगर उनके कप्तान की तरह भारतीय खिलाड़ी खुद पर विश्वास रखें तो वे निश्चित तौर पर यह कारनामा कर सकते हैं।
अभी तक यह एक शानदार क्रिकेट रहा है। इसके पीछे का कारण पिच है, जिसने बल्ले या गेंद में से किसी एक का दबदबा नहीं होने दिया है।