पिछले दौरे से कुछ नहीं सीखा भारतीय गेंदबाजों ने: गावस्कर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के खत्म होने के साथ अधिकतर लोगों को ऐसा लग रहा है कि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का सुनहरा मौका गंवा दिया। हालांकि परिणाम को देखकर मुकाबले की रोचकता का पता नहीं चलता है। भारत के पास
(गावस्कर का कॉलम)
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के खत्म होने के साथ अधिकतर लोगों को ऐसा लग रहा है कि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का सुनहरा मौका गंवा दिया। हालांकि परिणाम को देखकर मुकाबले की रोचकता का पता नहीं चलता है। भारत के पास मैच जीतने के कई मौके थे, लेकिन वे विपक्षी टीम के खिलाफ जरूरी नॉकआउट पंच मारने में विफल रहे।
भारतीय गेंदबाजी ने एक बार फिर से टीम को नीचा दिखाया। 2011-12 में यह कहा जा सकता था कि गेंदबाज अनुभवहीन थे, लेकिन इस बार यह बहाना नहीं चल सकता, क्योंकि इस बार भी वही गेंदबाज थे और उन्होंने दिखा दिया कि पिछले दौरे से उन्होंने कुछ नहीं सीखा। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भी अनुभवहीन थी, लेकिन उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की तुलना में ज्यादा प्रतिबद्धता के साथ गेंदबाजी की। भारतीय गेंदबाज तो कुछ समय के बाद ही हालात के साथ बहते दिखाई दिए।
न्यूजीलैंड टीम निश्चित तौर हालात के हाथों में नहीं बह रही है और ब्रेंडन मैकुलम के नेतृत्व में जिस ढंग से उन्होंने अपने गेम के स्तर को उठाया है, वह बेहद शानदार है। यह टीम न सिर्फ घरेलू मैदान में जीत रही है बल्कि विदेशी धरती पर भी जीत हासिल कर रही है। पिछले साल उन्होंने यूएई में पाकिस्तान को हराकर यह साबित कर ही दिया है। मैकुलम खुद बेहद शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें रॉस टेलर और डेनियल विटोरी जैसे सीनियर खिलाडिय़ों से भी अच्छा सहयोग मिल रहा है।
केन विलियमसन के रूप में न्यूजीलैंड को एक ऐसा बल्लेबाज मिल गया है, जो उनके सारे रिकॉर्ड तोडऩे वाला है और साथ ही कुछ नए कीर्तिमान रचने वाला है। उनमें अद्भुत योग्यता है। वह, विराट कोहली और स्टीवन स्मिथ अगले एक दशक से ज्यादा समय तक गेंदबाजों के लिए सिरदर्दी पैदा करने वाले हैं।