वनडे सीरीज जीतने के लिए भारत को खेल का स्तर उठाना होगा: गावस्कर
वेस्टइंडीज ने पुणे में खेले गए तीसरे वनडे में भारत को मात देकर सीरीज बराबर कर दी।
(गावस्कर का कॉलम)
शानदार तरीके से पासा पलटते हुए वेस्टइंडीज ने पुणे में खेले गए तीसरे वनडे में भारत को मात देकर सीरीज बराबर कर दी। कप्तान कोहली के लगातार तीसरे शतक के बावजूद भारतीय टीम लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई। विराट कोहली दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज सिर्फ इसलिए नहीं हैं कि वह रनों का अंबार लगा रहे हैं, बल्कि जिन परिस्थितियों में वह रन बना रहे हैं, वह ज्यादा अहम है।
बड़े लक्ष्य का पीछा करना कभी आसान नहीं होता, क्योंकि शुरुआत से ही आपको तेजी से रन बनाने होते हैं। विकेट गिरते हुए जरूरी रन रेट भी बढ़ जाता है। दबाव बढ़ने की स्थिति में ही बल्लेबाज के धैर्य की परीक्षा होती है। अधिकतर बल्लेबाज पहले खेलते हुए बड़ी पारियां खेलते हैं, लेकिन दूसरी पारी में विफल हो जाते हैं। पहले खेलते हुए दबाव कम होता है, जबकि बाद में रन रेट का दबाव हर समय होता है, जो हर गेंद के साथ बढ़ सकता है। यहीं पर कोहली खास हैं। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए आप उन्हें शानदार शॉट लगाते हुए देख सकते हो इसलिए जब भी किसी बल्लेबाज को महान आंका जाए, तो यह जरूर देखा जाना चाहिए कि उसने कितने मैचों में बड़े लक्ष्यों का सफलतापूर्वक पीछा किया या कितने नॉकआउट मैचों में टीम को जीत दिलाई। कोहली इस मामले में शीर्ष पर हैं और उन्होंने बाकी सभी को काफी पीछे छोड़ दिया है।
पारी के मध्य में वेस्टइंडीज ने शानदार खेल दिखाया। स्टाइलिश शाई होप और कप्तान जेसन होल्डर ने शानदार बल्लेबाजी की। इसके बाद आखिरी के ओवरों में एश्ले नर्स ने आक्रामक रुख अपनाते हुए टीम के लिए अतिरिक्त रन जोड़े। इस वजह से भारत के लिए अच्छी शुरुआत जरूरी हो गई। होल्डर हर मैच के साथ खिलाड़ी और कप्तान दोनों के तौर पर बेहतर होते जा रहे हैं। उन्होंने समझदारी दिखाते हुए गेंदबाजी की शुरुआत की और रोहित शर्मा को शानदार गेंद पर आउट कर दिया। जब लग रहा था कि विराट कोहली भारत को जीत दिला देंगे, तो उन्होंने अनुभवी मार्लोन सैमुअल्स को गेंद थमा दी और उन्होंने भारतीय कप्तान को क्लीन बोल्ड कर दिया और भारत की जीत की संभावना को खत्म कर दिया। सीरीज अब एक रोचक मोड़ पर है और भारत को पता है कि उन्हें अपने खेल का स्तर उठाना होगा तभी वे अपनी ऊंची रैंकिंग को सही साबित कर सकते हैं।