तीन स्पिनरों के साथ ही उतरे भारत
राजकोट के प्रदर्शन से भारतीय स्पिनर टूटेंगे नहीं, बल्कि इससे वे और ज्यादा बेहतर होकर सामने आएंगे।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
राजकोट के प्रदर्शन से भारतीय स्पिनर टूटेंगे नहीं, बल्कि इससे वे और ज्यादा बेहतर होकर सामने आएंगे। अक्सर मुश्किलों का सामना करने के बाद ऐसा ही होता है। वे मानसिक तौर पर मजबूत होंगे। अगर सड़क उबड़ खाबड़ हो, तो आप कार को सौ की स्पीड से नहीं दौड़ाने के बजाय उसके हिसाब से चलाते हैं।
इस तरह की स्थिति में भारत को धैर्य की जरूरत थी। इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान पिच सपाट थी और बल्लेबाज भी काफी सक्षम थे। एक बार उछाल और स्पिन को समझ लेने के बाद उन्होंने अश्विन-जडेजा और मिश्रा पर हमला बोला। अपने बल्ले की सर्जिकल स्ट्राइक से उन्होंने घरेलू स्पिनरों की लय बिगाड़ दी। यह ऐसी? स्थिति थी जब आपको हड़बड़ाहट के बजाय इंतजार करना था। शायद ऐसे में एक छोर से लगातार लंबे स्पैल करना बेहतर होता। जब आपको गलती का इंतजार करना था, तब भारत ने थोड़ी जल्दबाजी की। इसके अलावा भारतीय खिलाडि़यों ने कैच भी टपकाए।
विजाग की स्थिति काफी हद तक घर जैसी होगी। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिश्रा ने यहां पांच विकेट लिए थे। राजकोट के प्रदर्शन के बावजूद लोगों के दिमाग में यह यादें ताजा होंगी। यहां उनके खेलने का दावा बनता है। अगर आप राजकोट में तीन स्पिनर को खिला सकते हैं तो विजाग में तो बिल्कुल पीछे नहीं हटना चाहिए। मैं गौतम गंभीर को लेकर भी चिंतित नहीं हूं। उनके लिए यहां की आदर्श स्थिति है। हालांकि पूरी तरह से फिट राहुल उनकी जगह ले सकते हैं। स्पिनरों की मददगार पिच पर सिंगल काफी अहमियत रखते हैं, क्योंकि यहां 30 गज के घेरे के खिलाडि़यों को छकाना आसान नहीं होता। बाकी खिलाडि़यों को लेकर कोई सवाल नहीं है। निश्चिततौर पर अंजिक्य रहाणे तिरछे बल्ले की बजाय सीधे से खेलें तो ज्यादा बेहतर होगा। पहले मैच की दोनों पारियों में वह कट और फ्लिक करने के चक्कर में ही आउट हुए। लेकिन हमें यह मानना चाहिए कि गलती इंसानों से ही होती है और भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप में रहाणे अहम हैं।
विराट कोहली ने भी दूसरी पारी में जिस ढंग से रक्षात्मक खेल दिखाया, उसके लिए वह तारीफ के काबिल हैं। आक्रमण के दौरान उनकी बैक फुट गेम या मजबूत रक्षात्मक एप्रोच को देखना बहुत ही शानदार था। स्थितियों के अनुसार खेलने के लिए उन्हें अपने स्वाभाविक खेल को दबाना पड़ा। विजाग में भी उन्हें यह सब करना पड़ सकता है, क्योंकि इस पिच पर तो सुबह के नाश्ते से लेकर रात के डिनर तक सिर्फ स्पिन ही परोसी जाती है।
(टीसीएम)