अश्विन को उप कप्तान बनाने से होगा फायदा
पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में इंग्लैंड की शुरुआत ने दिखा दिया कि यह टीम आसानी से झुकने वाली नहीं है।
(गावस्कर का कॉलम)
पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में इंग्लैंड की शुरुआत ने दिखा दिया कि यह टीम आसानी से झुकने वाली नहीं है। हालांकि बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में मिली हार के बाद कुछ लोग ऐसा सोच रहे होंगे। उन्होंने पहली पारी में भी बहुत अच्छी बल्लेबाजी की थी। जो रूट ने दिखाया कि आखिर क्यों वह दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार हैं? एक क्रिकेटर के तौर पर तेजी से आगे बढ़ रहे मोइन अली ने भी शतक जड़ा, लेकिन बेन स्टोक्स के बल्ले से निकला सैकड़ा भारतीयों के लिए ज्यादा चिंता की बात है। स्टोक्स ऐसे खिलाड़ी हैं, जो कुछ ही ओवर में गेंद और बल्ले से मैच का पासा पलट सकते हैं। ऐसे? खिलाड़ी को अपनी टीम में रखना हर कप्तान का सपना होता है। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की, हालांकि भाग्य का साथ उन्हें नहीं मिला। बल्ले साथ उनकी एप्रोच शानदार थी। पहले टेस्ट में प्रदर्शन से सिर्फ स्टोक्स ही नहीं बल्कि पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा होगा।
एक बात तो तय है कि इंग्लैंड को आगे के मैचों में राजकोट जैसी सपाट पिच नहीं मिलेगी। विजाग में उन्हें टर्न होती गेंद का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय चयन समिति के चेयरमैन विजाग से ही हैं और स्टेडियम के एक स्टैंड का नाम उन्हीं के नाम पर है। राजकोट में भारतीय गेंदबाजों को संघर्ष करते देखकर वह यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि यहां की पिच गेंदबाजों को ज्यादा मदद करे।
इंग्लैंड के विशाल स्कोर के जवाब में मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के शतक से भारतीय खेमा खुश होगा। हालांकि कोहली और रहाणे जल्दी आउट हो गए, लेकिन अश्विन और साहा ने जिस ढंग से भारतीय पारी को संभाला, उसकी तारीफ करनी होगी। अश्विन फिर दिखाया कि उनके खेल में कितना निखार आया है। उनकी बल्लेबाजी में ढेर सारे पारंपरिक शॉट थे। टीम की उप कप्तानी के लिए अश्विन का दावा काफी मजबूत है। अंजिक्य रहाणे ने हालांकि कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन दो बल्लेबाजों के कप्तान और उप कप्तान होने के बजाय अश्विन को यह जिम्मेदारी मिलने से रणनीति में अलग नजरिया शामिल होगा। अश्विन एक ऑलराउंडर है, लेकिन सबसे पहले वह एक गेंदबाज हैं, इसलिए उनकी सोच अहम साबित हो सकती है। यह मेरा सिर्फ एक विचार है और कुछ नहीं। पहला टेस्ट काफी हद एक ऐसे मुकाबले जैसा रहा, जहां दो मुक्केबाज एक-दूसरे की ताकत को आंकते हुए हमला करने का मौका तलाशते रहे। राजकोट में कुछ भी देखने को नहीं मिला, इसलिए हो सकता है कि अगले मैच में हमें तेज हमले देखने को मिले।