World Cup 2019: भारत व ऑस्ट्रेलिया में हुआ था कुछ ऐसा, तो क्या इस बार है इंग्लैंड की बारी!
World Cup 2019 12वें विश्व कप का आयोजन इस बार इंग्लैंड में हो रहा है और मेजबान पर विश्व कप खिताब जीतने का दबाव है।
नई दिल्ली, जेएनएन। World Cup 2019 इतिहास हमेशा खुद को दोहराता है। वर्ष 2011 में विश्व कप के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब किसी मेजबान देश ने वर्ल्ड कप का खिताब जीता हो। महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने विश्व कप के इतिहास में एक नया मुकाम हासिल किया और अपनी ही धरती पर विश्व कप जीतने वाला पहला देश बन गया। इससे पहले किसी भी मेजबान देश ने ऐसा नहीं किया था। भारत ने जिस परंपरा की शुरुआत की वो अगले विश्व कप में जारी रहा और वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ही धरती पर विश्व कप का खिताब पांचवी बार जीता। अब 12वां विश्व कप इंग्लैंड में खेला जा रहा है तो क्या ये समझा जाए कि इंग्लैंड इस परंपरा का कायम रखने में कामयाब रहेगा। वैसे भी इस बार क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि खिताब का प्रबल दावेदार इंग्लैंड ही है। आइए एक नजर डालते हैं वर्ष 2011 और 2015 के फाइनल मुकाबलों पर-
विश्व कप 2011 का फाइनल मैच-
विश्व कप 2011 की मेजबानी भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने किया था। इस वर्ष टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला मुंबई में हुआ था जहां भारत का सामना श्रीलंका के साथ हुआ था। रोमांच से भरे इस मुकाबले को टीम इंडिया ने छह विकेट से जीता था और एक नया इतिहास रचा था। इस मैच में पहले खेलते हुए श्रीलंका ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। भारत को जीत के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला था जिसे धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 48.2 ओवर में छह विकेट शेष रहते हासिल कर लिया था। भारत की तरफ से गंभीर ने 97 रन की पारी खेलकर टीम की जीत की नींव रखी थी। इसके बाद धौनी और युवराज ने टीम को जीत दिला दी थी।
2015 विश्व कप फाइनल-
इस विश्व कप की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने मिलकर की थी। कमाल की बात ये रही कि इस बार फाइनल में दोनों होस्ट देशों ने जगह बनाई। इस बार फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच मेंऑस्ट्रेलिया ने अपनी कमाल की गेंदबाजी के दम पर न्यूजीलैंड को 45 ओवर में 183 रन पर ऑल आउट कर दिया था। जीत के लिए मिले आसान लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने 33.1 ओवर में सात विकेट शेष रहते हासिल कर लिया। अपनी ही धरती पर विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया भारत के बाद दूसरा देश बना। ये कंगारू टीम का पांचवां विश्व कप खिताब था।
इंग्लैंड क्यों जीत सकता है विश्व कप
इंग्लैंड की टीम इस वक्त विश्व की नंबर एक वनडे टीम है। जब 2011 और 2015 में विश्व कप खेला गया था उस वक्त दोनों देशों की टीमें काफी सशक्त थीं। इसके अलावा मेजबान देश को अपने देश की कंडीशन और फैंस का सपोर्ट भी काफी मिलता है। इससे टीम का हौसला बढ़ता है। इस बार इंग्लैंड के साथ भी कुछ ऐसा ही है। टीम कमाल की फॉर्म में है जो लगातार अच्छा खेल रही है। साथ ही इंग्लैंड की कंडीशन में उसे हराना किसी भी देश के लिए बड़ी चुनौती है। इस वक्त इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे वनडे सीरीज के दूसरे और तीसरे वनडे में इंग्लैंड ने जैसा प्रदर्शन किया है उसकी वजह से सारी टीमें सकते में है। तीसरे वनडे में इंग्लैंड ने 358 का स्कोर पार कर लिया था वहीं दूसरे वनडे में इस टीम ने 350 से ज्यादा का स्कोर खड़ा किया था। हालांकि इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि इंग्लैंड में ज्यादातर विकेट फ्लैट रहने वाले हैं जिसमें गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा मिलता नजर आ रहा है। इंग्लैंड का बल्लेबाजी क्रम इस वक्त तूफानी है जो किसी भी स्कोर को चेज करने की ताकत रखता है साथ ही किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ रन बनाने की क्षमता रखता है। सबसे अहम बात ये कि विश्व कप के 44 वर्ष के इतिहास में इंग्लैंड ने एक बार भी विश्व कप का खिताब नहीं जीता है और इस बार अपने घर में खिताब जीतने का उस पर सख्त दबाव है।
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