टी20 सीरीज जीतने के लिए क्या टीम इंडिया बदलेगी अपनी ये रणनीति
तीसरे टी20 में जीत के लिए भारतीय टीम क्या अपनी रणनीति में बदलाव करेगी।
नई दिल्ली। दिल्ली टी20 का बदला लेते हुए न्यूजीलैंड की टीम ने राजकोट में भारतीय टीम पर पलटवार किया और दूसरा टी20 मुकाबला जीत लिया। इस मैच को जीत लेने के बाद कीवी टीम मुकाबले में वापस लौट आई है और सीरीज1-1 की बराबरी पर आ गई है। इन दोनों मैचों में भारतीय टीम इस रणनीति के साथ मैदान पर उतरी थी जिसमें एक में उसे सफलता मिली और दूसरे में उसे हार का सामना करना पड़ा लेकिन अब भारतीय टीम के सामने टी20 सीरीज जीतने का दबाव है ऐसे में क्या टीम एक बार फिर से आखिरी मैच में उसी रणनीति के तहत मैदान पर उतरेगी या फिर उसमें कोई बदलाव होगा।
ये रही है भारतीय टीम की अब तक की रणनीति
पहले और दूसरे टी20 मुकाबले में भारतीय टीम कीवी के खिलाफ छह बल्लेबाज और पांच गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरी थी। पहले मैच यानी दिल्ली में तो भारतीय टीम को सफलता मिल गई और उसने मुकाबला जीत लिया लेकिन दूसरे मैच में भारतीय टीम कि ये रणनीति पूरी तरह से फ्लॉप दिखी और उसे 40 रन से हार का सामना करना पड़ा। दूसरे मैच यानी राजकोट में एक और बल्लेबाज की कमी टीम में साफ तौर पर खली। अगर टीम में एक और शुद्ध बल्लेबाज होता तो मैच का रिजल्ट कुछ और हो सकता था।
किया जा सकता है ये बदलाव
भारतीय टीम में इस वक्त हार्दिक पांड्या की मौजूदगी से टीम का बैलेंस काफी अच्छा है। पांड्या बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों कर सकते हैं। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में एक गेंदबाज को चार ओवर गेंदबाजी करनी पड़ती है ऐसे में ये उतना मुश्किल नहीं है। अगर टीम में चार शुद्ध गेंदबाज हैं तो पांचवें गेंदबाज के तौर पर पांड्या मौजूद हैं जैसा कि वनडे मुकाबलों में हुआ था। अगर एक बार को पांड्या पिट भी जाते हैं तो चार ओवर की गेंदबाजी अन्य विकल्पों के साथ कराना उतना मुश्किल नहीं होगा। अब भारतीय टीम को आखिरी मैच में जीत की दरकार है तो हो सकता है कि टीम इंडिया एक बार फिर से सात बल्लेबाज और चार शुद्ध गेंदबाज के साथ मैदान पर उतरना पसंद करे। वैसे भी पांच शुद्ध गेंदबाजों के साथ अगर टीम उतरती है तो पांड्या टीम के छठे गेंदबाज हो जाते हैं और वो शुद्ध बल्लेबाज के तौर पर ही टीम में अपनी भूमिका निभाते हैं। अब ये जरूरी नहीं कि पांड्या हर मैच में अच्छी बल्लेबाजी करें। राजकोट में जब वो आउट हुए तो टीम को एक शुद्ध बल्लेबाज की कमी खली थी और विराट की ये रणनीति साफ तौर पर फेल होती नजर आई। वैसे आखिरी मैच में ये देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम किस प्लेइंग इलेवन के साथ मैदान पर उतरती है।