Bhuvneshwar Kumar: 19वें ओवर में भारत के लिए आफत बनते जा रहे हैं भुवी, तीन बड़े मौकों पर टीम को हरवाया
Ind vs Aus भुवी की गेंदबाजी में खासकर अंतिम ओवरों में वो धार नजर नहीं आ रही और बल्लेबाज उनकी गेंदों को पढ़कर बड़े शाट लगा रहे हैं। अंतिम ओवरों में भुवनेश्वर की नक्कल और स्लोअर गेंदें भी बल्लेबाजों को चकमा नहीं दे पा रही हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार अंतिम ओवरों में अपनी साख खोते जा रहे हैं। भुवनेश्वर लगभग पिछले 10 साल तक टीम के अंतिम ओवरों की गेंदबाजी के अगुआ थे और उन्होंने देश को कई बार महत्वपूर्ण मैचों में विजयी भी बनाया है। अब उनकी गेंदबाजी में खासकर अंतिम ओवरों में वो धार नजर नहीं आ रही और बल्लेबाज उनकी गेंदों को पढ़कर बड़े शाट लगा रहे हैं। अंतिम ओवरों में भुवनेश्वर की नक्कल और स्लोअर गेंदें भी बल्लेबाजों को चकमा नहीं दे पा रही हैं।
आस्ट्रेलिया के विरुद्ध मंगलवार को हुए मैच में भुवनेश्वर ने 19वां ओवर फेंका और उसमें मैथ्यू वेड ने लगातार तीन चौके सहित 16 रन बना लिए। यह ओवर टीम की हार का एक कारण था। इससे पहले एशिया कप टी-20 में भी सुपर-4 के मैचों में पाकिस्तान और श्रीलंका के विरुद्ध भी भुवनेश्वर का 19वां ओवर ही भारत की हार का कारण था। अब आगामी विश्व कप टी-20 से पहले अगर टीम प्रबंधन को इस समस्या का हल निकालना होगा। भुवनेश्वर के अलावा अन्य गेंदबाज भी भारत की हार के कारणों में शामिल हैं और उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। भारतीय गेंदबाजी एशिया कप टी-20 में सुपर-4 के मैचों से खराब प्रदर्शन करती आ रही है।
कोई ओस नहीं फिर भी हुई धुनाई : लक्ष्य का पीछा कर रही आस्ट्रेलियाई टीम ने आसान जीत दर्ज की थी और उस समय कोई ओस नहीं पड़ रही थी। हार्दिक पांड्या ने इसका श्रेय विपक्षी बल्लेबाजों को दिया। उन्होंने कहा, 'कोई ओस नहीं थी। उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की आपको उन्हें श्रेय देना होगा। उन्होंने अच्छा क्रिकेट खेला। हम गेंदबाजी में अपनी योजनाओं को लागू नहीं कर पाए।'
आस्ट्रेलिया के विरुद्ध नहीं बचा पाए 208 रन : भारतीय गेंदबाज आस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले टी-20 में 208 रनों का बचाव नहीं कर पाए। टीम के मुख्य गेंदबाज भुवनेश्वर ने चार ओवर में 52 रन दिए और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। यही हाल युजवेंद्रा ¨सह चहल का रहा, जिन्होंने सिर्फ 3.2 ओवर में 42 रन लुटवा दिए. जबकि लंबे वक्त के बाद टीम में वापसी कर रहे हर्षल पटेल ने चार ओवर में 49 रन दे दिए। यहां सिर्फ अकेले अक्षर पटेल ऐसे थे, जिन्होंने कुछ लाज बचाई और चार ओवर में महज 17 रन दिए और तीन विकेट झटके।
श्रीलंका के विरुद्ध भी हुआ यही हाल : एशिया कप टी-20 में सुपर-4 के मैच में श्रीलंका के विरुद्ध भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। श्रीलंका को आखिरी दो ओवर में जीत के लिए 21 रनों की जरूरत थी। कप्तान रोहित शर्मा ने यहां भी 19वां ओवर भुवनेश्वर को दिया, जिन्होंने 14 रन दे दिए। यहां भुवनेश्वर ने एक्स्ट्रा रन भी दिए, इसके बाद 20वां ओवर अर्शदीप ने फेंका और वह सात रन नहीं बचा पाए।
पाकिस्तान के विरुद्ध जब डूबी लुटिया : पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध आखिरी दो ओवर में 26 रन की जरूरत थी, यहां 19वां ओवर भुवनेश्वर ने डाला, लेकिन उन्होंने इस ओवर में 19 रन लुटवा दिए, जिसके बाद पाकिस्तान की जीत लगभग तय हो गई थी। बाद में 20वां ओवर अर्शदीप ने किया, जिसमें उनके सामने आखिरी ओवर में सात रन बचाने का लक्ष्य था, उन्होंने कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुए।
हर्षल और भुवी ने बढ़ाई चिंता
विश्व कप से पहले भुवनेश्वर और हर्षल का प्रदर्शन खराब विश्व कप से पहले भुवनेश्वर और हर्षल पटेल के खराब प्रदर्शन ने टीम प्रबंधन की चिंता जरूर बढ़ा दी होगी। भुवनेश्वर की बात की जाए तो उन्होंने पिछले तीन मैचों में टीम के लिए 19वें ओवर में गेंदबाजी की है। इन 18 गेंदों में उन्होंने कुल 49 रन खर्च किए हैं जबकि चोट के बाद वापसी कर रहे अंतिम ओवरों के गेंदबाज हर्षल ने भी खूब रन लुटाए। भुवनेश्वर के पास 21 टेस्ट, 121 वनडे और 77 टी-20 इंटरनेशनल का अनुभव है।
भुवी को लेकर टीम प्रबंधन स्पष्ट है कि उन्हें टेस्ट मैच नहीं, बल्कि सीमित प्रारूपों में खिलाया जाता है। विश्व कप टी-20 के लिहाज से वह अहम सदस्य हैं। टी-20 में पावरप्ले के दौरान भुवनेश्वर 5.66 की शानदार इकानमी से गेंदबाजी करते हैं, लेकिन जैसे गेंद पुरानी होती है तो भुवी की धार भी कुंद पड़ने लगती है और 5.66 की इकानमी रेट अंतिम ओवरों में 9.26 हो जाता है। मतलब अंतिम ओवरों में औसतन हर ओवर 9.26 रन लुटाने लगते हैं।