भारत ने इंग्लैंड में दर्ज़ की सिर्फ सातवीं जीत, जानिए कब-कब टीम इंडिया ने जीता टेस्ट
इंग्लैंड में भारत की ये सातवीं टेस्ट जीत रही। भारतीय टीम 86 सालों में सिर्फ सात जीत ही हासिल कर सकी है।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। टीम इंडिया ने नॉटिंघम में इंग्लैंड को 203 रन से धूल चटाकर सीरीज़ में दमदार वापसी की। इंग्लैंड की धरती पर विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम की ये पहली जीत है। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने मौजूदा सीरीज़ में वापसी करते हुए सीरीज़ का स्कोर 2-1 कर लिया है। इस जीत के बाद टीम इंडिया का मनोबल काफी बढ़ गया होगा। इंग्लैंड में भारत की ये सातवीं टेस्ट जीत रही। इंग्लैंड में भारत की ये सातवीं टेस्ट जीत रही। वहां पर भारतीय टीम 86 सालों में सिर्फ सात जीत ही हासिल कर सकी है।
2018- नॉटिंघम में मिली सातवीं जीत
तीसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया इस सीरीज़ में 0-2 से पीछे थी। सीरीज़ बचाने के लिए भारतीय टीम को इस टेस्ट में जीतना बेहद जरुरी था। इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाज़ी करने का आमंत्रण दिया। पहली पारी में भारतीय कप्तान विराट कोहली (97) और उप कप्तान अजिक्य रहाणे (81) ने बेहतरीन पारी खेली। इन दोनों बल्लेबाज़ों की दमदार पारियों की बदौलत भारत ने 329 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद हार्दिक पांड्या की बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए पहली बार टेस्ट क्रिकेट मेंं पांच विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। इंग्लैंड की पहली पारी 161 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली ने शतक ठोक दिया। हार्दिक ने तेज़ तर्रार अर्धशतक ठोक दिया। इंग्लैंड की दूसरी पारी को जसप्रीत बुमराह ने संभलने का मौका ही नहीं दिया और भारत ने इंग्लैंंड में अपनी सातवीं टेस्ट जीत दर्ज़ की।
2014- लार्ड्स में दर्ज़ की छठी जीत
चार साल पहले यानि की 2014 के इंग्लैंड दौरे पर भारत में वहां पर छठी जीत दर्ज़ की थी। धौनी की कप्तानी में 95 रन से जीत दर्ज़ की थी। भारत को 1986 के बाद लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर दूसरी बार जीत नसीब हुई थी। इस मैच में रहाणे ने शानदार सेंचुरी लगाई तो इशांत ने सात विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई थी।
2007- नॉटिंघम में मिली पांचवीं जीत
2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया ने ट्रेंट ब्रिज़ में जीत हासिल की थी। इस मैच में सात विकेट से जीत दर्ज़ कर भारत ने मैच के साथ-साथ सीरीज़ भी अपने नाम की थी। इस मैच में ज़हीर खान ने बेहतरीन गेंदबाज़ी कर भारत को जीत दिलाई थी।
2002- लीड्स में मिली चौथी जीत
2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को पारी और 46 रन से पस्त किया था। इस मैच में भारत ने इंग्लैंड में पहली बार 600 रन का स्कोर पार किया था। सचिन तेंदुलकर (193), राहुल द्रविड़ (148) और सौरव गांगुली (128) की बदौलत भारत ने 8 विकेट पर 628 रन बनाए थे। इसके बाद ज़हीर, हरभजन और अगरकर ने भारत को जीत दिला दी थी।
1986- लीड्स में ही मिली तीसरी जीत
1986 में खेली गई टेस्ट सीरीज़ का ये दूसरा मैच था। इस सीरीज़ को भारत ने कपिल देव की कप्तानी में 2-0 से जीता था। लीड्स में दूसरा मैच खेला गया था। इस मुकाबले को भारत ने 4 दिन में ही जीत लिया था। 279 रन से मिली इस जीत में रोजर बिन्नी ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 7 सात विकेट लिए थे।
1986- लॉर्ड्स में मिली दूसरी जीत
1986 में भारत को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर पहली टेस्ट जीत नसीब हुई। टीम इंडिया ने ये कमाल कपिल देव की कप्तानी में किया था। इस मैच में दिलीप वेंगसरकर ने शतक ठोका था। इसके बाद चेतन शर्मा और कपिल देव ने इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी कमर तोड़ते हुए भारत को जीत दिला दी।
1971- ओवल पर मिली पहली जीत
1971 में ओवल के मैदान पर भारतीय टीम को इंग्लैंड में अपनी पहली जीत नसीब हुई थी। उस मैच में भारत की जीत के हीरो चंद्रशेखर रहे थे। उन्होंने मैच में आठ विकेट चटकाए थे, जिसमें दूसरी पारी में उन्हें छह विकेट मिले थे। इंग्लैंड की पहली पारी 355 रन पर सिमट गई थी। इसके बाद भारत भी पहली पारी में 284 रन पर ऑलआउट हो गया था। इसके बाद चंद्रशेखर ने अपना जादू दिखाया और इंग्लैंड की दूसरी पारी 101 रन पर सिमट गई। इसके बाद भारत ने 173 रन का पीछा कर इंग्लैंड में अपनी पहली जीत दर्ज़ की।