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कोहली-कुंबले में 6 महीने से बंद थी बातचीत, एक-दूसरे की निकालते थे कमियां

बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि यह दो शख्सियतों की लड़ाई है जो एक-दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं थे।

By Bharat SinghEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 05:27 PM (IST)
कोहली-कुंबले में 6 महीने से बंद थी बातचीत, एक-दूसरे की निकालते थे कमियां
कोहली-कुंबले में 6 महीने से बंद थी बातचीत, एक-दूसरे की निकालते थे कमियां

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच पिछले छह महीने से बातचीत ही नहीं हो रही थी, यानि उनके कोच बनने के छह महीने के भीतर ही दोनों के बीच जबरदस्त मतभेद हो गए थे। हालांकि कप्तान विराट कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान हुई बैठक में ही बीसीसीआइ को इस बारे में सूचित कर दिया था। मीडिया में वह इसको नहीं मान रहे थे, जबकि कुंबले सोमवार से पहले तक कोई भी मतभेद होने से इनकार कर रहे थे। 

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यही नहीं, उन्होंने बोर्ड के पदाधिकारियों से कहा था कि जो बातें मीडिया में आ रही हैं ऐसी कोई बात ही नहीं है। लेकिन जब इन दोनों को एक साथ सोमवार को बैठाकर बातचीत की गई तो बोर्ड के भी होश उड़ गए।

उस बैठक में कोहली और कुंबले के अलावा बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीइओ राहुल जौहरी भी थे। बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि इससे पहले विराट तो बता चुके थे कि वह किसी भी कीमत पर कुंबले के साथ काम नहीं करना चाहते, लेकिन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने भी दोनों से बात की। 

कुंबले ने समिति से कहा कि दोनों के बीच कोई बात ही नहीं है। इसके बाद सीएसी ने निर्णय लिया कि अगर दोनों के बीच कोई विवाद नहीं है तो कुंबले को ही कोच बनाए रखा जाए। सोमवार को जब हमने दोनों से बातचीत की तो पता चला कि इन दोनों में जबरदस्त मतभेद हैं। अभी तक कोई बात नहीं कहने वाले कुंबले ने उस बैठक में छोटी-छोटी बातों को भी गिनवाया। कोहली ने भी टीम चयन से लेकर कई बातों को बताया। 

बोर्ड पदाधिकारी ने कहा कि उस समय ही हमें लग गया कि यह जोड़ी आगे नहीं चल पाएगी। हमने इन्हें समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन दोनों ही एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं थे। उस दिन ही हमें पता चला कि छह महीने से दोनों में ढंग से बात तक नहीं हो रही थी। हालांकि इसके बावजूद हम चाहते थे कि यह दोनों अपने मतभेदों को भुलाकर आगे टीम में योगदान दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

कोहली के अलावा और भी सीनियर खिलाड़ियों के कुंबले से मतभेद के सवाल पर बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि सीएसी ने टीम के कई और सीनियर खिलाड़ियों से पहले बात की थी। उनमें से कुछ ने कुंबले के रवैये पर सवाल उठाए थे। उन्हें लगता था कि कुंबले अब भी अपने को एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर ही पेश कर रहे हैं। खिलाड़ियों को और आजादी की जरूरत थी। हालांकि सीएसी ने उन खिलाड़ियों के नाम बोर्ड को नहीं बताए।

अभ्यास सत्र में भी नहीं होती थी बात

दैनिक जागरण ने पहले ही बताया था कि भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच से एक दिन पहले ओवल में अभ्यास सत्र के दौरान कोच-कप्तान में एक भी बार बातचीत नहीं हुई। भारत-बांग्लादेश मैच से पहले अभ्यास सत्र के आखिरी में दोनों ने मुश्किल से कुछ सेकेंड आपस में बातचीत की। इस दौरान धौनी से लेकर बाकी सभी खिलाड़ी कुंबले से काफी बात करते थे। बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि यह दो शख्सियतों की लड़ाई है जो एक-दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं थे। हमने दोनों को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन अंत में हम सफल नहीं हो पाए।

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