बॉल टैंपरिंग के बाद स्मिथ और वॉर्नर पर मंडरा रहा है आजीवन प्रतिबंध का खतरा, जानिए कौन लगाएगा बैन!
गेंद से छेड़छाड़ करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की चौतरफा आलोचना हो रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के मामले में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के नियमों के तहत बेईमानी करने पर स्मिथ और वार्नर पर आजीवन प्रतिबंध लग सकता है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में सत्यनिष्ठा बनाने रखने वाले विभाग के मुखिया इयान रॉय और टीम प्रदर्शन मैनेजर पैट हावर्ड केपटाउन में जांच के लिए जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया स्पोर्ट्स कमिशन (एएससी) के दबाव के बाद ही स्मिथ को कप्तानी, जबकि वार्नर को उपकप्तानी से हटाया गया है। जांच के घेरे में पूरी तरह से स्मिथ और वार्नर ही हैं, क्योंकि यह साफ हो गया है कि भोजनकाल के वक्त नेतृत्व दल इसमें शामिल नहीं था। यह सिर्फ वरिष्ठ खिलाड़ियों की ही योजना थी।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के दबाव के बाद ही ऑस्ट्रेलिया स्पोर्ट्स कमिशन के चेयरमैन जोन वेयले और चीफ एक्जीक्यूटिव केट पाल्मर को सीए के चेयरमैन डेविड पीवर को यह आदेश दिया है कि जब तक रॉय की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों को तुरंत पदों से हटा दिया जाए। एएससी ने जारी किए एक बयान में बताया कि वह किसी भी खेल में बेईमानी की निंदा करता है। एएससी उम्मीद करता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम और खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश की अखंडता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। वह हमारे देश के प्रतिष्ठित टीम है। उनको देखकर कई बच्चें क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं।
आपको बता दें कि सोची समझी योजना के तहत तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन गेंद से छेड़छाड़ करने के बाद विवादों में फंसी ऑस्ट्रेलिया टीम ने साख तो गंवा ही दी थी, रविवार को मैच भी गंवा दिया। दक्षिण अफ्रीका से मिले 430 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम 107 रन पर ही ढेर हो गई। अपने करियर की आखिरी सीरीज खेल रहे दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मोर्नी मोर्केल ने 23 रन देकर पांच विकेट झटके। इस टेस्ट को जीतने के बाद दक्षिण अफ्रीका की सीरीज में बढ़त 2-1 की हो गई है। चौथा टेस्ट और अंतिम टेस्ट 30 मार्च से जोहानिसबर्ग में खेला जाएगा।
गेंद से छेड़छाड़ करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की चौतरफा आलोचना हो रही है। खिलाड़ियों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को भी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है।