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कुंबले से ऐसे आगे निकले अश्विन, बन जाएंगे दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज?

अश्विन ने घरेलू मैदान पर कुंबले को पीछे छोड़ा तो एक मामले में उन्होंने मुरलीधरन को भी पीछे छोड़ दिया है।

By Bharat SinghEdited By: Published: Wed, 08 Mar 2017 11:11 AM (IST)Updated: Wed, 08 Mar 2017 01:56 PM (IST)
कुंबले से ऐसे आगे निकले अश्विन, बन जाएंगे दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज?
कुंबले से ऐसे आगे निकले अश्विन, बन जाएंगे दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज?

बेंगलुरु, अभिषेक त्रिपाठी। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 17 जनवरी, 1986 को जन्मे रविचंद्रन अश्विन जिस तेजी से विकेट की रेल को आगे बढ़ा रहे हैं उससे लगता है कि वह एक दिन भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बन जाएंगे। हालांकि अभी इसके लिए उन्हें लंबा रास्ता तय करना होगा।

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज में उन्होंने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनिल कुंबले के एक रिकॉर्ड को तहस-नहस कर दिया। भले ही लोग आलोचना करें कि अश्विन विदेशी पिच पर विकेट नहीं निकाल पाते हैं, लेकिन भारत के ट्रैक पर उन्हें जिस तरह की सफलता मिलती है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भले ही पिछली तीन पारियों में अश्विन उतने सफल नहीं रहे, लेकिन दूसरे टेस्ट की चौथी पारी में छह विकेट लेकर उन्होंने फिर कई रिकॉर्ड बना डाले। वह भारतीय सरजमीं पर सबसे कम टेस्ट में 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। अश्विन ने भारत में सिर्फ 30 टेस्ट खेलकर यह उपलब्धि हासिल की। वहीं, कुंबले ने 35 और हरभजन ने 40 टेस्ट में ऐसा किया था। वह सबसे कम 47 टेस्ट में ही 25 बार पारी में पांच विकेट लेने वाले दुनिया के इकलौते गेंदबाज भी बन गए हैं।
हेडली ने 62 व मुरली ने 63 टेस्ट में किया था ऐसा
न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली ने जहां 62 टेस्ट में यह कारनामा किया था तो श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने 63 टेस्ट की 100 पारियों में यह रिकॉर्ड बनाया था। अगर भारतीय गेंदबाजों की बात करें तो कुंबले ने 86 मैचों में 25 बार पारी में पांच विकेट तो हरभजन सिंह ने 93 मैचों में ऐसा किया। हरभजन ने कुल 103 टेस्ट में पारी में पांच या इससे ज्यादा विकेट लिए हैं। हालांकि मैच में दस या इससे ज्यादा विकेट लेने के मामले में भज्जी, अश्विन से पीछे हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ बने क्रिकेटर
कोच कुंबले की तरह इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट करियर को प्राथमिकता देने वाले अश्विन ने 2006-07 में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए 20 से भी कम औसत से 31 विकेट झटके। 2008 में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स से खेलते हुए बेहतरीन गेंदबाजी की तो घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु की ओर से भी गेंद के साथ बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया। 2010 के मध्य में उन्हें टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिला। पहले उन्हें टी-20 और वनडे का ही गेंदबाज कहा जाता था, लेकिन 2011 के आखिर में उन्हें टेस्ट टीम में जगह दी गई।
पहले टेस्ट में लिए थे नौ विकेट
दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले मैच में ही वह नौ विकेट लेकर 'मैन ऑफ द मैच' बने। उन्होंने इस सीरीज के तीन मैचों में 22 विकेट लिए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह तीन मैचों में सिर्फ नौ विकेट ले पाए। 2013 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर एक मैच खेला पर कोई विकेट नहीं मिला। इंग्लैंड में दो मैचों में तीन और ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों में 12 विकेट लिए। पिछले साल श्रीलंका की स्पिन पिचों पर उन्होंने तीन मैचों में 21 विकेट लिए।

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डेविड वॉर्नर हैं पसंदीदा शिकार

अश्विन के लिए ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज डेविड वॉर्नर पसंदीदा शिकार हैं। डेविड वॉर्नर 12 मैचों में 9 बार आर. अश्विन का शिकार बन चुके हैं। वॉर्नर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिनका टेस्ट मैचों में अश्विन ने सबसे ज्यादा बार विकेट लिया है।
 

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