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रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेकर गुरबानी ने रचा इतिहास, 45 साल बाद की इस रिकॉर्ड की बराबरी

इस खिलाड़ी ने एक ऐसा कमाल कर दिया जो भारत के क्रिकेट इतिहास में सिर्फ एक ही बार हुआ था।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 31 Dec 2017 10:26 AM (IST)
रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेकर गुरबानी ने रचा इतिहास, 45 साल बाद की इस रिकॉर्ड की बराबरी

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली और विदर्भ के बीच इंदौर में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में विदर्भ के तेज़ गेंदबाज़ रजनीश गुरबानी ने इतिहास रच दिया। वो इस टूर्नामेंट में विदर्भ के लिए हैट्रिक लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए।

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गुरबानी ने ऐसे ली हैट्रिक

गुरबानी ने अपने 23वें और पारी के 101वें ओवर में ये कमाल किया। खास बात ये रही कि इस हैट्रिक के दौरान उन्होंने तीनों विकेट बोल्ड करके हासिल लिए। गुरबानी ने अपनी हैट्रिक के दौरान दिल्ली के विकास मिश्रा, नवदीप सैनी और ध्रुव शौरे को अपना शिकार बनाया। रजनीश गुरबानी ने 69 रन देकर छह विकेट लिए और अपनी विरोधी टीम को सिर्फ 295 रन पर ढेर कर दिया।

ऐसे करने वाले बने दूसरे गेंदबाज़

रजनीश गुरबानी ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया। रजनीश ने दूसरे दिन हैट्रिक लेकर दिल्ली की टीम की कमर तो तोड़ ही दी साथ ही साथ वो इस टूर्नामेंट के फाइनल में हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज़ भी बन गए हैं। गुरबानी से पहले तमिलनाडु के बी कल्याणसुंदरम रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेने का कमाल कर चुके हैं। कल्याणसुंदरम ने 1972/73 के फाइनल में बंबई के खिलाफ हैट्रिक ली थी। यानि की गुरबानी 45 साल के बाद इस रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं। 

दो ओवर में पूरी की हैट्रिक

गुरवानी ने ये हैट्रिक दो ओवर में पूरी की 101वें ओवर की पांचवीं गेंद पर दिल्ली के विकास मिश्रा को सात रन के स्कोर पर बोल्ड किया तो अगली बॉल पर नवदीप सैनी बिना खाता खोले उनका शिकार बन गए। अपने अगले ओवर यानि की पारी के 103वें ओवर की पहली बॉल पर दिल्ली के ध्रुव शौरे को आउट करके गुरबानी ने अपनी पहली और विदर्भ के लिए चौथी हैट्रिक पूरी की। शौरे 145 रन बनाकर बोल्ड हुए।



ऐसा रहा पहले दिन का हाल

रणजी ट्रॉफी फाइनल में विदर्भ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी की फैसला किया। इस अहम मैच में विदर्भ ने खिताबी मुकाबले के जरिये 19 साल के तेज गेंदबाज आदित्य ठाकरे को न सिर्फ पदार्पण का मौका दिया, बल्कि पहला ही ओवर उन्हें थमाया। आदित्य ने भी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए चौथी ही गेंद पर कुणाल चंदेला को पहली स्लिप में कप्तान फैज फजल के हाथों कैच कराया। गेंदबाजी में बदलाव के रूप में आए स्पिनर अक्षय वाखरे ने अनुभवी गौतम गंभीर (15) को बोल्ड करते हुए दिल्ली को दूसरा झटका दिया। थोड़ी देर बाद आदित्य की इनस्विंग गेंद पर नितिश राणा भी एलबीडब्ल्यू हो गए।

दिल्ली ने 99 रनों पर चार विकेट गंवाते हुए विदर्भ के खिलाफ खुद की मुश्किलें बढ़ा ली थीं। ऐसे में ध्रुव शौरी (नाबाद 123) ने एक छोर थामते हुए न सिर्फ करियर का तीसरा प्रथम श्रेणी शतक लगाया, बल्कि दिन का खेल समाप्त होने तक टीम को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया। पहले दिन का खेल खत्म होने तक दिल्ली ने छह विकेट पर 271 रन बनाए लिए थे।

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