द्रविड़ ने देश के लिए ठुकराए करोड़ों, कम फीस में ही करेंगे क्रिकेटर तैयार
उनकी फीस बढ़ाई गई है, लेकिन यह उतनी नहीं है जितना उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स से मिलती थी।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। राहुल द्रविड़ के लिए देश पहले है और यही कारण है कि वह करोड़ों का नुकसान सहकर भी भारत 'ए' और अंडर-19 टीम के कोच बने रहेंगे। इसके लिए उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटॉर पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें सिर्फ दो महीने के लिए ही उन्हें करीब साढ़े चार करोड़ रुपये मिलते हैं।
बीसीसीआइ ने शुक्रवार को द्रविड़ के अगले दो साल तक भारत 'ए' और अंडर-19 टीम के कोच बने रहने की घोषणा की। उन्हें 2015 में पहली बार दोनों टीमों के कोच पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके कोच रहते हुए भारत 'ए' ने ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय सीरीज जीती तो अंडर-19 टीम पिछले साल विश्व कप के फाइनल में पहुंची। बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में द्रविड़ से बात हुई थी। उन्होंने फीस को लेकर कोई ज्यादा मांग नहीं की। उनके लिए भारत सबसे पहले है।
लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार हितों के टकराव के तहत भारतीय टीम का कोच किसी आइपीएल टीम से जुड़ा नहीं रह सकता और यही कारण है कि उन्होंने दो महीने में लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये देने वाली दिल्ली डेयरडेविल्स को छोड़कर भारत को चुना। बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि मैं उनकी वास्तविक वार्षिक फीस तो नहीं बता सकता,पर इतना कहूंगा कि पिछले साल हमने दस महीने के करार के लिए उन्हें लगभग 2.5 करोड़ रुपये दिए थे क्योंकि वह दो महीने आइपीएल के साथ जुड़े रहे थे। अब करार पूरे 24 महीने के लिए हुआ है। निश्चित तौर पर उनकी फीस बढ़ाई गई है, लेकिन यह उतनी नहीं है जितना उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स से मिलती थी।
यानी द्रविड़ अभी तक कोचिंग से ही सिर्फ 12 महीने में लगभग सात करोड़ रुपये कमाते थे, लेकिन अब इतना तय है कि बीसीसीआइ से उन्हें इतना धन नहीं मिलेगा। सच कहूं तो द्रविड़ की तरफ से ऐसी कोई मांग ही नहीं रखी गई। वह एक सच्चे क्रिकेटर हैं। इससे पहले जब अनुराग ठाकुर के अध्यक्ष रहते हुए बीसीसीआइ ने द्रविड़ को सीनियर टीम का कोच बने रहने का ऑफर दिया था तब भी उन्होंने कहा था कि मैंने जूनियर टीम का जिम्मा उठाया है और पहले उसे पूरा करूंगा।
अनुराग ने उस समय उनकी खुले दिल से तारीफ की थी कि कई लोग टीम इंडिया का कोच बनने के लिए परेशान हैं, जबकि द्रविड़ जैसा क्रिकेटर जूनियर खिलाड़ियों को तराशने के लिए उसे नकार रहा है। बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना का कहना है, 'पिछले दो साल में द्रविड़ ने कई युवा प्रतिभाओं की खोज की। हम अगले दो साल तक कोच के तौर पर उनकी सेवा लेने पर खुश हैं और आश्वस्त हैं कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए सुनहरा पल है। इससे भविष्य में भारतीय क्रिकेट को नई युवा प्रतिभाएं मिलेंगी।'
वहीं दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से कहा गया है, 'यह सम्मान की बात है कि पिछले दो वर्षो से द्रविड़ डेयरडेविल्स के मेंटर थे। हमने वास्तव में उनके सहयोग का लाभ उठाया और उन्होंने युवा प्रतिभाओं को संगठित किया। हम दुखी हैं कि वह हमारे साथ मेंटर के रूप में नहीं रहेंगे। उन्होंने भारत 'ए' और भारत अंडर-19 को कोच के तौर पर सेवा देने का विकल्प चुना है। क्रिकेट का असली सेवक होने के नाते, उनका मानना है कि उन्हें अभी इस खेल को बहुत कुछ वापस देना है और युवा प्रतिभाओं को तैयार करना है।'
टेस्ट और वनडे में हैं 10 हजारी
राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए खेलते हुए टेस्ट और वनडे मैचों के फॉर्मेट में 10-10 हजार रन बनाए हैं। उन्होंने 344 वनडे मैचों में 71.24 के स्ट्राइक के साथ 10,889 रन बनाए हैं। इस दौरान द्रविड़ ने 12 शतक और 83 अर्धशतक भी जड़े। द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों की 286 पारियों में 36 शतकों और 63 अर्धशतकों की मदद से 13288 रन बनाए हैं।