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EXCLUSIVE: MS Dhoni जीत की गारंटी नहीं हैं, लेकिन टीम इंडिया के लिए हैं ब्रह्मास्त्र

वैसे तो एमएस धौनी टीम इंडिया को टी20 विश्व कप जिताने की गारंटी नहीं देते क्योंकि वे खुद 10 में से सिर्फ 3 बार आइसीसी ट्राफी देश के दिला पाए हैं लेकिन निश्चित रूप से ये बात तय है कि वे टीम इंडिया के ब्रह्मास्त्र साबित होने वाले हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:37 PM (IST)
EXCLUSIVE: MS Dhoni जीत की गारंटी नहीं हैं, लेकिन टीम इंडिया के लिए हैं ब्रह्मास्त्र
MS Dhoni टीम इंडिया के मेंटर बन गए हैं

अभिषेक त्रिपाठी, दुबई। तुम्हारा धौनी बहुत लकी है। हमारे यहां भी उनके बहुत प्रशंसक हैं। जब वह खेलता था तो भाग्य उसके साथ चलता था। ये कहना है पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले मुहम्मद भाई का। जब मैं बुधवार को भारत-आस्ट्रेलिया अभ्यास मैच के लिए दुबई के आइसीसी अकादमी मैदान जा रहा था तो टैक्सी ड्राइवर मुहम्मद ने पूछा, धौनी भी होगा उधर? मैंने कहा, हां, मेंटर है। मुहम्मद ने कहा, ये मेंटर क्या होता है? मैंने कहा, टीम को जीत के मंत्र देता है तो मुहम्मद ने कहा, फिर तो रविवार को पाकिस्तान को बहुत परेशानी होने वाली है क्योंकि धौनी का 'मंतर' तो बहुत काम का होता है।

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भारत को टी20 विश्व कप के पहले मैच में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ना है। भारत ने जहां अपने दोनों अभ्यास मैच जीते हैं तो वहीं पाकिस्तान को दक्षिण अफ्रीका से पराजय का सामना करना पड़ा है और वेस्टइंडीज को उसने हराया है। कुल मिलाकर बहुत सालों बाद पाकिस्तान की टी20 टीम काफी मजबूत नजर आ रही है। भारत ने पाकिस्तान को वनडे और टी20 विश्व कप में मिलाकर कुल 12 बार हराया है, लेकिन 13वीं बार ऐसा करना आसान नहीं होगा। धौनी और विराट की सोच में एक बड़ा अंतर है। धौनी यह सोचकर चलते हैं कि किसे खिलाना है, जबकि विराट यह सोचकर चलते हैं कि किसे नहीं खिलाना है। इस चक्कर में कभी-कभी अच्छे खिलाड़ी भी टीम से बाहर हो जाते हैं। कुलदीप यादव इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।

धौनी मतलब जीत की गारंटी नहीं

ऐसा नहीं है कि धौनी का मेंटर के तौर पर आना भारत के विश्व कप जीतने की गारंटी है क्योंकि उन्होंने 2007, 2009, 2010, 2012, 2014, 2016 टी20 विश्व कप, 2011, 2015 वनडे विश्व कप और 2009, 2013 आइसीसी चैंपियंस ट्राफी में कप्तानी की है, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्राफी जीती हैं। यानी उनकी कप्तानी में भारत ने 10 आइसीसी ट्राफी खेली हैं और तीन जीती हैं। ये जरूर है कि वह भारत को तीनों आइसीसी ट्राफी और टेस्ट में नंबर वन टीम को मिलने वाली गदा दिलाने वाले इकलौते कप्तान हैं। वहीं, विराट की कप्तानी में भारत ने 2017 चैंपियंस ट्राफी, 2019 विश्व कप और 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भाग लिया है जिसमें उसे निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा। उनकी कप्तानी में चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में भारत को पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा। विराट पहली बार टी20 विश्व कप में भारत की कप्तानी करेंगे और इस फार्मेट में कप्तान के तौर पर यह उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा।

छोटी-छोटी सलाह

भारत के पांच में से चार लीग मैच दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होने हैं। इस स्टेडियम की सेंटर पिच पर आइपीएल के मैच हुए हैं और इसी कारण इस पर अब एक सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। यानी लीग के मुकाबले साइड की पिचों पर होंगे, जिससे एक तरफ की बाउंड्री छोटी रहेगी। छोटी बाउंड्री के इस्तेमाल में धौनी मास्टर हैं। बल्लेबाजों को उसे कैसे इस्तेमाल करके बड़े शाट खेलने हैं और फील्डिंग के समय गेंदबाजों को कैसे लगाना है इसमें धौनी की सलाह काफी काम आएगी।

सही समय पर सही फैसले

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने कप्तान विराट, उप कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर के होते हुए धौनी को मेंटर के तौर पर टीम इंडिया से इसलिए जोड़ा, क्योंकि उसे लगता था कि पिछले तीन टूर्नामेंट में इन लोगों के रहते हुए कुछ ऐसे फैसले हुए जो नहीं होते तो टीम जीत सकती थी। हालांकि, इन तीन में से दो में धौनी एक खिलाड़ी के तौर पर मौजूद थे, लेकिन सबको पता है तब वह कोच और कप्तान के फैसले में दखल नहीं देते थे। यहां तक उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में आना बंद कर दिया था और सिर्फ बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग तक खुद को सीमित कर लिया था। वह विकेट के पीछे से जरूर गेंदबाज को कहते थे कि यहां पर गेंद को डालो, ये आगे बढ़कर खेलेगा, फील्डिंग यहां लगाओ, लेकिन कभी कप्तान और कोच के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देते थे। अब वह मेंटर के तौर पर जुड़े हैं तो अपनी सलाह देंगे, क्योंकि बीसीसीआइ की तरफ से उन्हें आधिकारिक तौर पर शक्ति प्रदान की गई हैं। अब वह बता सकते हैं कि टीम संयोजन क्या रखना है, चौथे नंबर पर किसे उतारना है, बल्लेबाजी क्रम को कैसे बदलना है, टास जीतकर क्या करना है, ओस का क्या प्रभाव होगा, अश्विन को शुरुआत में ही गेंदबाजी करानी है या पावरप्ले में दो तेज गेंदबाजों से आक्रमण करना है।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सीएसके के गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी का कहना है, "धौनी इस टीम से दो साल पहले भी जुड़े रहे हैं। यह उनके लिए नया नहीं है। मैं उन्हें जितना जानता हूं, वह कभी अपनी सीमा पार नहीं करते हैं। एमएस जब भी टीम में होते हैं तो वह मैच अलग ही हो जाता है। वह चाहे मैदान के अंदर हों या मैदान के बाहर। उनसे कोई भी बात कर सकता है।"

पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा, "दरवाजे के पीछे जो होता है वह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। रणनीति, होमवर्क और योजना बहुत जरूरी है। धौनी के होने से ये काफी मजबूत होगा और टीम को मदद मिलेगी। धौनी ने भारत और सीएसके के लिए ऐसी कई परिस्थितियों में कप्तानी की है जिसका फायदा टीम को मिलेगा।"

वहीं, भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है, "धौनी सफेद गेंद के सर्वश्रेष्ठ कप्तान रहे हैं। वह किंग कांग हैं। उनके आसपास भी कोई नहीं है।" उनसे पहले कप्तान विराट कोहली भी एमएस धौनी को लेकर बयान दे चुके हैं और स्पष्ट कर चुके हैं कि धौनी का अनुभव टीम इंडिया के लिए टी20 विश्व कप में काम आने वाला है।


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